डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ने एथलेटिक्स को कहा अलविदा

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नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के बेहतरीन एथलीटों में शुमार डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ने एथलेटिक्स को अलविदा कह दिया है। विकास ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को खेलों से संन्यास लेने के बारे में बुधवार को ईमेल के जरिए सूचित किया। डिस्कस थ्रो में 66.28 मीटर का मौजूदा राष्ट्रीय रिकार्ड अपने नाम रखने वाले विकास अमेरिका में रहते हैं और उन्होंने वहां से अपने फैसले से एथलेटिक्स महासंघ को अवगत कराया। विकास ने कहा कि काफी सोच विचार करने के बाद मैंने एथलेटिक्स से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं अब अपने शरीर को और अधिक कष्ट नहीं देना चाहता हूं और अपने जीवन के अगले चरण पर ध्यान लगाना चाहता हूं।

2012 के लंदन ओलंपिक में 65.20 मीटर की थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहने वाले विकास ने फेडरेशन को उसके सभी सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह भारत के लिए नहीं खेल पाने की कमी महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के लिए खेलना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान था और मुझे इसकी कमी महसूस होगी। कर्नाटक के मैसूरु में पांच जुलाई 1983 को जन्में विकास छह साल की उम्र से पहले ही अपने परिवार के साथ अमेरिका के मैरीलैंड चले गए थे। उनके पिता शिवे एक पूर्व एथलीट थे और 1988 ओलंपिक के कोच थे। चैंपियन डिस्कस थ्रोअर बनने से पहले विकास ने अपना करियर शॉट पुट में शुरु किया था जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 अटलांटा में 19.62 मीटर था।

विकास ने 2012 में 66.28 मीटर के अपने आॅल टाइम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ डिस्कस थ्रो में भारतीय राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा था। भारत सरकार से 2017 में पद्मश्री पाने वाले विकास ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन वह 60.69 मीटर की थ्रो के साथ क्वालिफायर्स में 22वें स्थान पर रहे। अमेरिका स्थित इस भारतीय एथलीट का सर्वश्रेष्ठ लम्हा उस समय आया जब उन्होंने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में 63.64 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। यह उन खेलों में भारत का एथलेटिक्स में एकमात्र स्वर्ण पदक था।