18 मार्च को होगा सजा का एलान 24 दलितों की हुई थी हत्या
- ज्ञानचंद्र की खातिर अभी कोर्ट में जिंदा रहेगी फाइल
फिरोजाबाद (सच कहूँ न्यूज़)। Firozabad News: जनपद में 44 साल पहले ऐसा नरसंहार हुआ था, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। गांव में एक साथ 24 अनुसूचित जाति के लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया। 44 साल बाद मैनपुरी के एडीजे विशेष डकैती इंद्रा सिंह की कोर्ट ने फैसला सुनाया। थाना जसराना के गांव दिहुली में 44 साल पहले हुई 24 दलितों की सामूहिक हत्या में मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को दोषी करार दिया। इन तीनों की सजा के बिंदु पर 18 मार्च को सुनवाई होगी। भगोड़ा घोषित ज्ञानचंद्र उर्फ गिन्ना की फाइल को अलग करते हुए उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिए हैं। Firozabad News
एडीजे विशेष डकैती इंद्रा सिंह की अदालत से दोपहर m फैसला आया। अदालत में आरोपी कप्तान सिंह, जो कि जमानत पर था, वह हाजिर हुआ। रामसेवक को मैनपुरी जेल से ले जाकर पुलिस ने पेश किया । तीसरे आरोपी रामपाल की ओर से हाजिरी माफी ले गई । अदालत ने साक्ष्यों और गवाही के आधार पर कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल को दोषी करार दिया। पुलिस अभिरक्षा में कप्तान सिंह और रामसेवक को जेल भेज दिया गया। वही इस चर्चित नरसंहार में कोर्ट में तथ्य के गवाह के तौर पर लायक सिंह, वेदराम, हरिनरायण, कुमर प्रसाद, बनवारी लाल की कोर्ट में गवाही हुई। हालांकि इन सभी की अब मौत हो चुकी है। मगर इनकी गवाही के सहारे ही पूरा केस कोर्ट में टिका रहा। कुमर प्रसाद की गवाही सबसे अहम रही ।
44 साल पहले यह हुई थी वारदात | Firozabad News
फिरोजाबाद जनपद के जसराना थाना क्षेत्र के ग्राम दिहुली ( घटना के समय मैनपुरी का हिस्सा) में 24 दलितों की सामूहिक हत्या कर दी गई थी। वर्ष 1981 में 18 नवंबर की शाम 6 बजे की यह घटना थी। डकैत संतोष और राधे के गिरोह ने एक मुकदमे में गवाही के विरोध में हथियारों से लैस होकर दिहुली गांव में घुसकर महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर गोलियां चलाई गई थी। इसमें 24 लोगों की मौत हुई थी। रिपोर्ट दिहुली के लायक सिंह ने 19 नवंबर 1981 को थाना जसराना में दर्ज कराई थी। थाना जसराना में राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष सिंह उर्फ संतोषा के अलावा 17 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी। Firozabad News
गिरोह सरगना संतोष और राधे सहित 13 अभियुक्तों की हो चुकी है मौत
इस नरसंहार को अंजाम देने का आरोप जिस संतोष ठाकुर उर्फ संतोषा और राधे के गिरोह पर है। उस गिरोह के 17 सदस्यों को इस वारदात में अभियुक्त बनाया गया।
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