तनखाह देने के लिए भी पैसा जुटाना हो पा रहा है मुश्किल (Government of Haryana)
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12 हजार करोड़ का हो चुका है नुकसान
अश्वनी चावला/सच कहूँ चंडीगढ़। कोरोना के काल मे अब सरकारी खजाने का ही बुरा हाल होना शुरू हो चुका है। हालात इस कद्र बदतर हो गए हैं कि सरकार के पास रोजमर्रा के कार्य करने के लिए भी पैसा नहीं है। इसके चलते हरियाणा सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये का नया लोन लेना पड़ा है। हालांकि बताया जा रहा है कि 5 हजार करोड़ रुपये भी मात्र एक डेढ़ महीना बड़ी मुश्किल से निकाल पाएगा। परंतु सरकार को उम्मीद है कि मई महीने के पश्चात हालात काफी हद तक सुधरेंगे और उन्हें आगे लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गतिविधियों पर रोक लगाते हुए खर्चे काफी ज्यादा कम कर दिए हैं : हरियाणा सरकार
पिछले डेढ़ महीने से लॉक डाउन की स्थिति चलने के कारण हरियाणा में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हैं। यहां तक कि पेट्रोल और डीजल की खपत भी गिरकर 3-4 प्रतिशत तक ही सीमित हो गई है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से भी कोई सहायता जीएसटी के रूप में नहीं मिल रही है। कोरोना के चलते हरियाणा सरकार को इन 2 महीनों में ही 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बड़े स्तर पर नुकसान को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अपनी सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगाते हुए खर्चे काफी ज्यादा कम कर दिए हैं। परंतु इन छोटे-छोटे खर्चों को कम करने से सरकार अपना काम नहीं चला पा रही है, जिसके चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को न चाहते हुए भी सरकारी बैंकों से 5 हजार करोड रुपए का लोन लेना पड़ा है।
मनोहर लाल इस 5 हजार करोड़ के लोन के सहारे अगले 20-25 दिन किसी तरीके से निकालना चाहते हैं, क्योंकि इन दिनों के निकलने के पश्चात हरियाणा में व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से फिर से आमदनी शुरू हो जाएंगी। हरियाणा सरकार के पास यह 5 हजार करोड़ रुपए की राशी पहुंच चुकी है और सरकार की तरह से जो जरूरी अदायगी रोकी हुई थी, उनको हरी झंडी देते हुए धीरे-धीरे अदायगी करने के आदेश दे दिए गए हैं।
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