तीनों आईसीसी टूर्नामेंट जीतकर ये उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले कप्तान हैं धोनी
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश के सफलतम कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने 2013 में इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) के सभी टूर्नामेंटों को जीतने का कारनामा कर दिखाया।
धोनी ने अपनी कप्तानी में 2007 में पहला टवेंटी-20 विश्वकप जीता, फिर 2011 में भारत को 28 साल बाद एकदिवसीय विश्वकप का चैंपियन बनाया और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के भी चैंपियन बन गए। इन सफलताओं के बीच धोनी ने भारत को टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बनाया था और आईसीसी से नंबर एक के लिए मिलने वाली गदा भी अपने कंधों पर उठाई थी।
पाकिस्तान से दो बार हार का करना पड़ा सामना
भारत ने 2002 में संयुक्त रुप से चैंपियन बनने के बाद अगली तीन चैंपियंस ट्रॉफी में निराशाजनक प्रदर्शन किया था और उसे 2004, 2006 और 2009 में ग्रुप चरण में ही बाहर हो जाना पड़ा। भारत को इस दौरान चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से दो बार हार का भी सामना करना पड़ा। वर्ष 2011 में एकदिवसीय चैंपियन बनने के बाद भारत से उम्मीदें बढ़ गई थीं। भारत को ग्रुप बी में दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के साथ रखा गया। भारत ने ग्रुप में अपने सभी तीन मैच जीते और पाकिस्तान से पिछली दो पराजयों का बदला भी चुकाया।
भारत ने पहले मुकाबले में
भारत ने पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 26 रन से शिकस्त दी। दूसरे मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को आठ विकेट से शिकस्त दी। अब तीसरा मुकाबला पाकिस्तान के साथ था। भारत ने पाकिस्तान को 39.4 ओवर में 165 रन पर ढेर कर दिया। इस मैच में वर्षा के कारण कई बार बाधा पड़ी और भारत ने डकवर्थ लुईस नियम के तहत 19.1 ओवर में दो विकेट पर 102 रन बनाकर आठ विकेट से जीत हासिल कर ली।
19 रन पर दो विकेट लेने वाले भुवनेश्वर मैन आॅफ द् मैच बने। भारत की सेमीफाइनल में भिड़ंत श्रीलंका से हुई। श्रीलंका को आठ विकेट पर 181 रन पर रोकने के बाद भारत ने 35 ओवर में दो विकेट पर 182 रन बनाकर जीत हासिल की। फाइनल में अब भारत के सामने मेजबान इंग्लैंड की चुनौती थी।
गोल्डन बैट का पुरस्कार
यह मैच वर्षा से बाधित रहा और इसे फिर 20-20 ओवर का कर दिया गया। भारत ने विराट कोहली के 43, शिखर के 31 और जडेजा के नाबाद 33 रन से सात विकेट पर 129 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम धोनी की मास्टर चालों के सामने आठ विकेट पर 124 रन ही बना सकी।
जडेजा, अश्विन और इशांत ने तीन-तीन विकेट लिए। इशांत का पारी का 18वां ओवर निर्णायक रहा जिसमें उन्होंने इयोन मोर्गन और रवि बोपारा के विकेट झटके जबकि 19वें ओवर में जडेजा ने जोस बटलर को बोल्ड किया और टिम ब्रेसनेन इसी ओवर में रनआउट हो गए।
आखिरी ओवर अश्विन ने डाला और इंग्लैंड को लक्ष्य तक पहुंचने से रोक दिया। धोनी ने आखिर तीनों आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का इतिहास रच दिया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले कप्तान बने। जडेजा मैन आॅफ द मैच और शिखर मैन आॅफ द सीरीज रहे। आॅलराउंडर जडेजा को सर्वाधिक विकेट लेने के लिए गोल्डन बॉल पुरस्कार और शिखर को सर्वाधिक रन बनाने के लिए गोल्डन बैट का पुरस्कार मिला।
- धोनी ने कप्तानी में 2007 में पहला टी20 विश्वकप
- फिर 2011 में वनडे विश्वकप का चैंपियन बनाया
- और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के भी चैंपियन बने
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