- आदेश। ढींगरा आयोग के गठन पर हाईकोर्ट में सुनवाई,13 दिसंबर को होनी है अगली सुनवाई
- ढींगरा कमिशन के गठन का फैसला कैबिनेट का
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें
ChandiGarh, Anil Kakkar: कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा तथा रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के मध्य कथित जमीनी सौदों की जांच करने वाले जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग कमिशन के गठन मामले में वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में ढींगरा कमिशन की रिपोर्ट को 13 दिसंबर तक सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी है और मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को रखी गई है।
बता दें कि गुड़गांव में जमीनों के लाइसेंस आवंटन में अनियमितताओं की शिकायत पर बवाल होने के बाद प्रदेश सरकार ने जांच के लिए ढींगरा आयोग का गठन किया था। इस संबंध में आज हाईकोर्ट में सरकार ने जवाब में कहा कि ढींगरा आयोग का गठन प्रदेश के कैबिनेट का फैसला था जिसका पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध है। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा ढींगरा आयोग के गठन पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भी लपेटे में लिया गया है। इसी वजह से हुड्डा आने वाली परेशानियों के डर से कोर्ट की तरफ भागे हैं।
31 अगस्त को सौंपी थी रिपोर्ट
बता दें कि जस्टिस ढींगरा ने 31 अगस्त को 182 पेज की रिपोर्ट सीएम मनोहर लाल को सौंपी थी। उन्होंने गुड़गांव में जमीनों के लाइसेंस आवंटन में अनियमितताएं मानी थी। सोनियां गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी और डी.एल.एफ. के बीच जमीन सौदों को भी नियमों के खिलाफ बताया था। कुछ राजनीतिक नामों का भी रिपोर्ट में जिक्र होने की बात सामने आई थी। रिपोर्ट के आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि रिपोर्ट में अभी बहुत कुछ ऐसा है, जिसकी जांच करानी है और इसे किसी जांच एजेंसी को दिया जाएगा। साथ ही विधानसभा सत्र में इसे पेश करने की बात भी कही थी।