धनखड़ का कद बढ़ा, हुड्डा टेंशन में

  • मंथन। भाजपा की रोहतक रैलियों में उमड़े जनसैलाब ने बढ़ाई पूर्व सीएम की चिंताएं
  • पहले से कई गुना बढ़ा भाजपा वर्करों में उत्साह
  • सोचने को मजबूर हुए कांग्रेस वर्कर

ChandiGarh, Anil Kakkar: वर्ष 2016 के जाते-जाते भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले रोहतक लोकसभा के चार विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करके अपनी पकड़ मजबूत की। जहां एक तरफ ये रैलियां कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ का राजनीतिक कद बढ़ा गई वहीं इनमें उमड़े जनसैलाब ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चेहरे का रंग भी उड़ा दिया है। भीड़ के लिहाज से सफल रही इन रैलियों से भाजपा नेताओं का उत्साह पहले से कई बढ़ा है वहीं विपक्षी कांग्रेस पार्टी को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। बादली की ‘मोटा-जोटा’ रैली ने लोगों की खूब वाहवाही बटोरी जबकि क्रिसमस के दिन 16 डिग्री से भी कम कड़-कड़ाती ठंड में 25 दिसंबर को खुद हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र कलोई-सांपला में भाजपा की विधानसभा रैली में जिस तरह से भीड़ उमड़ी, उससे धनखड़ ने रोहतक लोकसभा में एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है।
बता दें कि रोहतक को हुड्डा का गढ़ माना जाता है लेकिन विधानसभा चुनावों में झज्जर और रोहतक जिलों में भाजपा के तीन विधायकों की जीत के बाद इस क्षेत्र में भाजपा ने अपना झंडा लहराना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की 90 की 90 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभावार रैली करने की कड़ी में बेरी, बादली और झज्जर विधानसभा में एक के बाद एक महीने में तीन रैलियां कीं। तीनों ही रैलियों की सफलता से भाजपा उत्साहित है। 25 दिसम्बर की रैली को लेकर उत्साह इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि यह रैली पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र में थी। इस रैली के साथ ही 90 विधानसभा क्षेत्रों की मुख्यमंत्री की परिक्रमा भी पूरी हो गई। गढ़ी सांपला रैली के लिये स्वयं धनखड़ ने सप्ताह भर रोहतक में ही डेरा डाला और विधानसभा के सभी गांवों का दौरा किया और लोगों ने खूब समर्थन दिया।
पहली रैली नवंबर में बेरी में आयोजित की गई। जिसके संयोजक विक्रम कादयान थे। बेरी के स्कूल मैदान में आयोजित रैली की सफलता से उत्साहित मुख्यमंत्री ने बेरी की कन्या महाविद्यालय की मांग पूरी करके सफलता पर मुहर लगा दी। बेरी के बाद भाजपा की बादली रैली 4 दिसंबर को थी। इस रैली का नाम मोटा जोटा रखा गया। नाम के अनुरूप जहां भीड़ ने मोटा जोटा मारा वहीं बादली को एक साथ ब्लॉक, तहसील व सब डिवीजन बनाकर सरकार ने बादली के लिये मोटा जोटा मारा। झज्जर विधानसभा आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है, यहां होने वाली रैली पर भी लोगों की नजरें लगी थी। इस विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव मातनहेल में भाजपा ने रैली करने का साहस दिखाया।

हर शहर-गांव तक हुई भाजपा की पहुंच
रैलियों के बाद भाजपा की पहुंच हर शहर और हर गांव तक हुई है। भाजपा गरीब व किसान मजदूर वर्ग के साथ अन्य वर्गों की पार्टी है। इसलिए पिछले दो साल में पार्टी ने संगठनात्मक रूप से भी मजबूती पाई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने मूलमंत्र सबका साथ-सबका विकास को केवल नारा ही नहीं, बल्कि 90 की 90 विधानसभा हल्कों में पहुंच कर करोड़ों की सौगात के साथ इसे चरितार्थ कर दिखाया है।
ओम प्रकाश धनखड़
कृषि मंत्री, हरियाणा