सरसा (सच कहूं, देवीलाल बारना)। डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के श्रद्धालुओं को राम नाम की डुबकी लगाने से भीषण गर्मी भी ना रोक सकी। मौका था डेरा सच्चा सौदा में रविवार को आयोजित ‘सत्संग भंडारे’ का। मई माह भंडारे के अवसर पर लाखों की संख्या में साध संगत डेरा सच्चा सौदा पहुंची और गर्मी की परवाह किए बगैर सत्संग का आनंद लेती रही। भंडारे को लेकर साध संगत में इतना जुनून व जोश था कि साध संगत नाचते-गाते हुए दरबार पहुंची। एक के बाद एक ढोल की थाप पर नाचते हुए व जागो निकालती हुई श्रद्धालुओं की टोलियां इस भव्य सत्संग कार्यक्रम की ओर बढ़ रही थी।
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बरसात के बाद बनी उमस व 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचे तापमान के कारण साध संगत पसीने से तर-बतर होकर पंडाल तक पहुंच रही थी। गाड़ियों से खचाखच भरे ट्रैफिक ग्राउंड और कई किलोमीटर तक लगा लंबा जाम भी श्रद्धालुओं के इस हौसले को कम ना कर पाया और संगत अपने वाहनों से उतर कर पैदल रास्ते से ही पंडाल तक पहुंचती दिखाई दी। पंडाल में पहुंचे तो पंडाल भी इतनी भारी संख्या के आगे छोटा पड़ता नजर आया।
सुबह 10 बजे सत्संग का कार्यक्रम शुरू हो गया और भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं से शेड जहां खचाखच भरा हुआ था वहीं शैड के बाहर भी कनातें लगाई गई। कुछ ही क्षण में कनात भी पूरी तरह से भर गई। इस दौरान मुख्य द्वार को पूरा खोल दिया गया था और दर्जनों लाईनों के माध्यम से संगत पंडाल में प्रवेश कर रही थी। पंडाल में जगह न रह जाने से काफी संख्या में श्रद्धालु अंदर प्रवेश ही ना कर पाए। इस दौरान सेवादारों द्वारा की गई पूरी व्यवस्था के बावजूद भी सिरसा-भादरा मार्ग भी कुछ समय के लिए जाम सा हो गया।
दिखाई दिया राष्ट्रभक्ति का नजारा
सत्संग भंडारे के दौरान राष्ट्रभक्ति का अद्भुत नजारा दिखाई दिया। काफी श्रद्धालु अपने वाहनों पर तिरंगा झंडा लगाए हुए थे। वहीं काफी युवा ट्रैक्टरों पर सवार होकर सत्संग पंडाल तक पहुंचे जोकि ट्रैक्टर के आगे राष्ट्रभक्ति को दर्शाते तिरंगे झंडे को लगाए हुए थे। इस दौरान युवा राष्ट्रीय झंडे तिरंगे को सैल्यूट करते हुए दिखाई दिए।
सत्संग भंडारे में दिखे विभिन्न संस्कृतियों के रंग
सत्संग भंडारे में पूरे देश की संस्कृतियों के रंग देखने को मिले। विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु अपनी-अपनी संस्कृतियों को संजोते हुए भंडारे में पहुंच रहे थे। पंजाब से आए श्रद्धालु भांगड़ा डालते हुए पंडाल तक पहुंचे। वहीं हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु भी अपनी अपनी संस्कृति के अनुसार खुशी मनाते हुए सत्संग पंडाल पहुंचे। जहां महिलाएं पंडाल में जाते वक्त जागो निकाल रही थी वहीं ढोल की थाप पर युवा खूब नाच रहे थे।