यह इमानदारी देख मेरी गुरु जी के प्रति श्रद्धा बढी है: पर्स मालिक
जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Honesty: डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई पराया हक खाना जहर के समान समझते हैं। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से समाज में आज भी इमानदारी कायम किए हुए हैं। ऐसी ही एक ईमानदारी की मिसाल जाखल में उस समय देखने को मिली जब एक डेरा प्रेमी ने रास्ते में मिला पर्स पाकर उसके मालिक तक पहुंचाने का काम किया।
जानकारी के मुताबिक प्रेमी देवेंद्र कक्कड़ इन्सां जब अपने घर से दुकान की और आ रहा था। तब उसे रास्ते में गिरा हुआ एक पर्स मिला। इस पर्स में अति आवश्यक कागजात, कुछ नकदी तथा एटीएम था। उसने उस पर्स के मालिक का पता लगाने के लिए आसपास पता किया लेकिन कोई भी नहीं मिला। उसके बाद वह पर्स में मिले एटीएम के माध्यम से एचडीएफसी बैंक में गया। वहां से अधिकारियों से पर्स के मालिक का मोबाइल नंबर का पता किया। जो जगसीर सिंह पुत्र राम सिह निवासी बलरां पंजाब का एड्रेस था। उसके बाद उस से संपर्क कर पर्स मिलने की सूचना दी और निशानी पूछी। जगसीर सिंह भी अपने पर्स की तलाश करने के बाद यह सोचकर कि अब उसका पर्स नहीं मिलेगा और जाखल से दूर मूनक पहुंच गया था। जैसे ही सूचना मिली तो जगसीर सिंह डेरा श्रद्धालु देवेंद्र कक्कड़ द्वारा बताए एड्रेस पर वापस जाखल पहुंचा और अपना गुम हुआ पर्स उस से सही सलामत वापिस लिया। Honesty
अपनी हजारों रुपए की राशि सहित, एटीएम और कागजात सहित गुम हुआ पर्स पाकर जगसीर सिंह पुत्र राम सिह निवासी बलरां पंजाब ने एमएसजी गुरु जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि वास्तव में ही डेरा सच्चा सौदा के एमएसजी गुरु की शिक्षा महान है। जो उनके श्रद्धालु उनकी प्रेरणाओं पर चलकर ऐसे महान कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। वरना आज के घोर कलयुग में ईमानदारी बिल्कुल गायब हो चुकी है। पहले डेरा सच्चा सौदा और एमएसजी गुरु के प्रति मेरे मन में नेगेटिविटी थी लेकिन अब मेरा विश्वास उनकी तरफ बढ़ गया है। अगर मेरा पर्स एटीएम, दस्तावेज और नगदी वापस नहीं मिलते तो मुझे नुकसान झेलना पड़ सकता था। ऐसे में डेरा प्रेमी देवेन्द्र कक्कड़ इन्सां ने उसका पर्स लौटाकर ईमानदारी दिखाते हुए उसे परेशान होने से बचा लिया है।
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