फसलों को चौपट कर रहे बेसहारा पशु
लोहारू (सच कहूँ/सांवरमल वर्मा)। सर्दी के बीच किसानों की रातें बेसहारा गोवंश से फसल की रखवाली में कट रही है। बेसहारा पशुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन पशुओं के झुंड जिधर से भी गुजरते हैं फसल को मिनटों में चौपट कर डालते हैं। इन पशुओं में सर्वाधिक संख्या विदेशी नस्ल की गाय और बछड़ों की है। इसको लेकर क्षेत्र में किसानों के आए दिन झगड़े होते रहते हैं।
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किसान रामेहर, धूप सिंह, भरत सिंह, मांगेराम और भगत सिंह ने कहा कि गौशालाओं में जाकर सवामणी और केक काट कर फोटो खिंचवाने वाले तथाकथित गोभक्तों को दर-दर की ठोकरें खाती गाय नजर नहीं आती। प्रदेश सरकार द्वारा गौ हत्या को तो दंडनीय अपराध बना कर दिया गया है, मगर प्लास्टिक के थैलों से पेट भरकर तिल-तिल मरती और दिनभर शहरों के बाजार, गली-चौराहा में दुत्कार व डंडों की मार सहने वाली गौ माता के लिए अभ्यारण्य जैसे वादे अभी दूर की कोड़ी ही नजर आ रहे हैं। किसानों ने प्रशासन से इस समस्या के स्थाई समाधान की मांग की है।
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