बरनावा (रकम सिंह)। आज एमएससी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केंद्र बरनावा बागपत उत्तर प्रदेश में प्राप्त 9:00 से 11:00 बजे तक नाम चर्चा सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड से भारी तादाद में साथ संगत ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत धन-धन सतगुरू तेरा ही आसरा का पवित्र नारा लगाकर हुई। Barnava Naamcharcha
कविराज भाइयों द्वारा ‘‘आके सत्संग में विचार कर ले, मानस जन्म का उद्धार कर ले’’, ‘‘यह जन्म मिला है किस लिए, विचार किया जाए’’, ‘‘कीमती है यह शमां, इसे लगता कहां, सत्संग में आजा फायदा उठा जा’’ आदि शब्द मधुर संगीत के साथ लगाए। साध संगत को बड़ी-बड़ी एलइडी स्क्रीनों, लाउडस्पीकरों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ एमएसजी के पावन रिकॉर्ड वचन भी सुनवाए गए, जिसमें पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि आपके स्वांस बहुत अनमोल हैं, यह समय बहुत कीमती है, पल-पल छिन छिन करके समय व्यतीत हो रहा है, इन श्वासों का फायदा उठाना चाहिए, यदि इंसान की आत्मिक शक्ति विल पावर बढ़ी हुई है तो वह संभव कार्य को भी सम्भव कर देता है, और इसके लिए गुरु मंत्र मैथड ऑफ मेडिटेशन करने की जरूरत है जिसे संत सत्संग में शिष्यों को निशुल्क प्रदान करते हैं। Barnava Naamcharcha
जितना भी संभव हो सके, प्रभु परमात्मा की बनाई सारी सृष्टि इंसानियत की सेवा, भला करना चाहिए। पूज्य गुरूजी द्वारा नशे पर आधारित गाए गए दो सॉन्ग आशीर्वाद मांओ का और मेरे देश की जवानी भी साध संगत को सुनवाए गए, जिस पर साध संगत ने खूब झूम कर मस्ती मनाई। उल्लेखनीय है कि पूज्य गुरूजी द्वारा गाए गए इन सॉन्ग को सुनकर अनेकों लोगों ने भयंकर से भयंकर नशे भी छोड़े हैं। गर्मी के मौसम को देखते हुए पानी समिति के सेवादार भाई बहनों द्वारा जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था की गई एवं नामचर्चा सत्संग में बैठे श्रद्धालुओं को सेवादारों ने घूम-घूम कर हर जगह पानी पिलाया,
हालांकि मौसम आज मेहरबान रहा कई हफ्ते से पड़ रही भीषण गर्मी में आज सूर्य देव बादलों में छाए रहने के कारण गर्मी से कुछ राहत रही। ट्रैफिक समिति के सेवादार भाइयों द्वारा साध संगत के वाहनों को निर्धारित पार्किंग में पंक्तियों में खड़ा कराया गया। लंगर समिति के सेवादार भाई बहनों द्वारा सत्संग की समाप्ति के पश्चात कुछ ही देर में समूह साध संगत को भोजन प्रसाद लंगर खिलाया गया। भोजन लंगर प्रसाद ग्रहण करके साध संगत कुछ ही समय में अपने-अपने वाहनों के द्वारा घरों को वापस चली गई। Barnava Naamcharcha