Budharwali MSG Bhandara: नामचर्चा सत्संग भंडारे पर उमड़ा ‘राजस्थान’

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Budharwali MSG Bhandara: नामचर्चा सत्संग भंडारे पर उमड़ा ‘राजस्थान’ (छाया: सुशील कुमार)

106 जरूरतमंदों को वितरित किए कंबल

बुधरवाली (सच कहूँ न्यूज़)। Budharwali MSG Bhandara: घने कोहरे और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद राजस्थान की साध-संगत ने सच्चे रूहानी रहबर पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन एमएसजी अवतार माह का नामचर्चा सत्संग भंडारा धूमधाम से मनाया। भंडारे की खुशी में एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र मौजपुर धाम, बुधरवाली (श्रीगंगानगर) में भारी तादाद में साध-संगत पहुँची और सच्चे मुर्शिद-ए-कामिल की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सान्निध्य में चलाए जा रहे 167 मानवता भलाई कार्यों के तहत सर्दी के मद्देनजर 106 जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए।

दोपहर 12 बजे ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ पवित्र नारे के साथ ‘एमएसजी सत्संग भंडारे’ का आगाज हुआ। इसके पश्चात कविराज भाइयों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु जी की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर मुख्य पंडाल को खूबसूरत लड़ियों, रंगोली और रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था। Budharwali MSG Bhandara

पावन एमएसजी सत्संग भंडारे में पहुँची साध-संगत में अद्भुत उत्साह देखने को मिला। इस दौरान खुशियों भरे भजनों पर बच्चे, युवा और बुजुर्गों सहित श्रद्धालु नाचते नज़र आए। नामचर्चा सत्संग भंडारे में बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों को साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। वहीं नशों के खिलाफ संदेश देने वाले पूज्य गुरु जी द्वारा गाए गए भजन ‘आशीर्वाद मांओं का’ और ‘मेरे देश की जवानी’ पर पंडाल में उपस्थित संगत झूम उठी।

छाया: सुशील कुमार

भंडारे की झलकियां | Budharwali MSG Bhandara

  • असीम श्रद्धा भाव के साथ पहुँची रंगीले राजस्थान की साध-संगत
  • सर्दी के मद्देनज़र जगह-जगह रहा गर्म पानी और अलावों की व्यवस्था
  • ‘आशीर्वाद मांओ का’ और ‘मेरे देश की जवानी’ गीतों पर झूमी साध-संगत
  • छायावान, ट्रैफिक, लंगर-भोजन, पानी की सेवा सेवादारों ने बाखूबी निभाई ड्यूटियां

छाया: सुशील कुमार

हमारे धर्म महाविज्ञान हैं : पूज्य गुरु जी

सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि आप सभी को पावन अवतार महीने की बहुत-बहुत बधाईयां। मालिक खुशियां बख्शे, दया-मेहर से नवाजे। हर दिन कुछ न कुछ बुराई छोड़ते रहें और कुछ न कुछ अच्छाई ग्रहण करने का प्रण लेते रहें। यही मालिक से दुआ और मालिक आपकी झोलियां भरता रहे।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि सतगुरु दाता रहबर ने जो रंग-बिरंगी फुलवारी सजा रखी है। संसार ये एक त्रिलोकी है और ब्रह्मण्ड में ऐसी सैकड़ों त्रिलोकियां हैं। सार्इंस को ये चैलेंज है कि आप अभी तक एक नहीं ढूंढ पाए और हमारे संत, पीर-फकीरों, गुरु-महापुरुषों ने ये लिख दिया था कि सैकड़ों जगह ज़िंदगी है और तीन तरह के शरीर सैकड़ों जगह पाए जाते हैं। एक दिन आप (सार्इंसदान) इस बात पर जरूर आ जाओगे, क्योंकि आप आॅलरेडी आ भी चुके हो। बहुत से उदाहरण हैं- जैसे बैक्टीरिया, वायरस को आपने 1850 या 1890 में ढूंढा होगा। लेकिन पवित्र वेदों में हजारों-करोड़ों साल या जब से जीवन है, तब से बताया गया है। Budharwali MSG Bhandara

फिर धर्मों में बताया गया कि लाखों चन्द्रमा, लाखों सूर्य, नक्षत्र, ग्रह होते हैं। सार्इंसदानों ने मज़ाक उड़ाया कि ऐसा नहीं होता। लेकिन अब खगोल शास्त्री ये मान चुके हैं कि थोड़ी सी जगह में हमने रिसर्च किया तो वहां पर हमें वाकयी बहुत से सूरज, चन्द्रमा नक्षत्र, ग्रह मिल गए। इसका मतलब धर्म सच कहते हैं। फिर मज़ाक उड़ाया गया कि श्री कृष्ण जी के पास ऐसी कौन सी शक्ति थी जो उन्होंने संजय को दे दी, जिससे उन्होंने कुरुक्षेत्र के युद्ध का पूरा विवरण हस्तिनापुर में बैठे-बैठे बता दिया था।

तो अब तो आपको थोड़ी शर्म आनी चाहिए उसको झूठ कहते हुए, क्योंकि यहां बैठे-बैठे हमारे सामने यूएस भी बैठा है, कनाडा भी बैठा है और हम बिल्कुल आमने-सामने सारा कुछ देख रहे हैं। तो अब तो मानोगे कि आपका ये मोबाइल वाला सिस्टम उनके पास पहले से ही था, अलग तरह का हो सकता है।

मान तो गया कि ऐसा हो सकता है | Budharwali MSG Bhandara

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि धर्मों और विज्ञान की बात करें तो धर्म हमारे महाविज्ञान हैं और समुन्द्र है और विज्ञान उनमें से निकली हुई एक पतली सी नदी है। विज्ञान कुछ अलग से पैदा नहीं हुई है। आपने (सार्इंसदानों ने) धर्मों में से ही सभी सामान लिए हैं। चैलेंज करते हैं कि आपके पास ऐसी कौन सी चीज़ है जो आपने धर्मों में से नहीं ली, आपने अलग से कुछ बनाया हो। आपको बता दें कि धर्मों में ये लिखा हुआ है कि सूरज की रोशनी ही नहीं, चन्द्रमा की रोशनी से भी खाना बनाया जाता था।

आपको ये भी बता दें कि हाथ रखते ही जैसे आप ट्रैड मिल पर अपनी हार्टबीट या ब्लड प्रैशर को देख लेते हैं, धर्मों में ये बताया गया है कि ऐसे विमान होते थे जो मनुष्य की सोच और ध्वनी से चला करते थे, सांउडलैस होते थे, जहां मर्जी उतार लो, जहां मर्जी उड़ा लो, जितनी मर्जी ऊपर उड़ा के जाओ, यानि आपके माइंड (दिमाग) से कनेक्टिड थे। तो अभी तक तो आपके पास नहीं हैं, कल को बनाकर कह दो कि जी हमने नई चीज़ बना दी। आपको बता दें कि आप कितने पीछे हैं और धर्म कितने आगे हैं।

गुरुमंत्र के जाप से छुट जाते हैं नशे

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि चेहरे पर दस-दस होने चाहिए, चार चालीस मत बजाया करो। चलो सवा तीन में भी काम चल जाएगा। पौने तीन में काम चल जाएगा, थोड़ा सा। लेकिन चार चालीस नहीं होना चाहिए। इतना मुँह मत लटकाया करो कि आसपास वाले को भी नेगेटिव वेवस आनी शुरू हो जाएं। थोड़ा सा मुस्कुराया करो, खुश रहा करो। किन चीजों में उलझे हुए हो, अपने आप में ही खोये हुए हो, अरे निकलो बाहर। मत बनो कुंए के मेंढक, खुशी में बहुत कुछ छुपा हुआ है। खासकर आज की जवानी यानि नौजवान पता नहीं किस दिशा में जा रहे हैं। सभी नहीं, पर जो नशे में डूब गए।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बेटा! अपने देश में ही देख लीजिये कितने बच्चों ने नाम रोशन किया है। ओलंपिक में भी क्या-क्या करके दिखाया। पूरे वर्ल्ड में नौजवान बच्चे कर रहे हैं। आप भी ऐसा कर सकते हैं, आप भी नौजवान हैं, आपमें भी वैसा ही टैलेंट है। लेकिन उस टैलेंट को आप उभरने नहीं देते और नशे में डूब जाते हैं। हमें बस एक बात का जवाब चाहिए कि क्या आपका नशा दोबारा से आपको वैसा ही स्वस्थ शरीर दे देगा जैसा पहले था, जी नहीं। तो धर्म कहते हैं कि भगवान से मांगो स्वस्थ काया। Budharwali MSG Bhandara

पर आपने तो भगवान को ही साइड में कर रखा है और अपनी काया को आग लगाए जा रहे हो। बेटा जी! तब तक ही खुशी है जब तक शरीर चल रहा है। आपने देखा नहीं आपके बुजुर्गों, दादा जी को या आपके फादर साहब या किसी अन्य को चारपाई पर पड़े हुए लाचार, पानी मांगते हुए, उनको लैट्रिंग-बाथरूम करवाते हुए। आपने कहीं ना कहीं तो जरूर देखा होगा। तो आप चाहे जवान ही क्यों ना हों, जब तक ये बॉडी (शरीर) चलती है तब तक ही सलाम है, नमस्कार है और जब ये चारपाई पर पड़ गई तो जो तेरे अपने हैं वो भी कोने में खाट डाल देंगे।

लाचार हो जाएगा, अपंग हो जाएगा। क्यों कर रहा है ऐसा? किसी ओर के लिए मत कर, कम से कम अपने शरीर के लिए तो सोच ले। तो जरूर सोचो बच्चो। आप सभी से हमारी प्रार्थना है कि मत करो नशा। ये नशा बर्बाद कर देगा। कौन सी दवाई है जो छुड़वा देती है ये नशा, फिर वहीं पर बात गुरुमंत्र। हमें कैसे पता है? छह करोड़ का नशा छुड़वा दिया, आपका क्यों नहीं छूटेगा भाई। अब तो गुरुमंत्र आॅनलाइन भी कर दिया है। इसे आप सुनकर और अमल करके नशा छोड़ सकते हैं।

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