पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया)। देशबंधु गुप्ता गवर्नमेंट कॉलेज में बच्चों को नशा ना करने पर डाक्टर श्वेता सिंह ने उनको अपनी कविता के माध्यम से प्रेरणा दी क्योंकि “युवा पीढ़ी हमारे देश की धरोहर है” इन्हीं युवा पीढ़ी के हाथों में है देश का भविष्य है, अगर हमारे युवा पीढ़ी ही ग़लत रास्ते पर निकल जाये तो हमारे देश का विकास सम्भव ही नहीं जानलेवा है ये शौक:- आदत नहीं ये अच्छी तू इसको है पहचान ले। जानलेवा है ये बात अच्छे से तू जान ले। केसर नहीं है ये केंसर का दम है। छोड़ दें बूरी लत ये कैसा तेरा शौक है। ऐसा शौक भी किस काम का जो इंसान को ही खोखला कर दे। ये जो तेरा शौक है धुएं को जबरदस्ती अपने फेफड़ों के नीचे धकेलना फेफड़ों का ये बलात्कार है।
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जो तुझे नहीं है आता समझ। तू इतना नासमझ है कि जब समझ आयेगा तब तक ये शरीर को खोखला कर चुका होगा तेरा। तम्बाकू को जिसने गले लगाया मौत को उसी ने है अपने पास बुलाया। आओ मिलकर संकल्प उठाते है ऐसे शौक को नशा मुक्त कराते है। माना कि थोड़ी धीमी गति है तो क्या हुआ, अंजाम बड़ा ही हसीन होगा। अडिग रहकर अब वार है करना, जिसने कई घरों की खुशियों को ही छीन लिया। ऐसा भी क्या शौक जिसने कितनों की चूड़ियां है तोड़ डाली। है काम बड़ा कठिन सही पर कभी ना कभी करनी होगी इसकी पहल।
नशा मुक्त हो भारत हमारा:- नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाए पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली श्याम को भी न्यौता देता है। जो कब जीवन में अंधेरा कर दे, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए करते हो लेकिन यह शौक कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाएगा इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे। किसी भी देश का भविष्य और देश की तरक्की देश के युवाओं पर ही टिका होता है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते पर चले जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकार में चला जाता है। हमें अपने भारत को नशा मुक्त कराना है। तो आओ मिलकर ले संकल्प की करे अपने भारत को नशा मुक्त बनाए। सभी को किसी भी प्रकार के सेवन से रोकने का करे प्रयास ताकि समाज को नशे के जहर से मुक्त किया जा सके।
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