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सरसा (सच कहूँ न्यूज)। शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना दिवस की 74वीं और ‘जाम-ए-इन्सां गुरू का’ की 15वीं वर्षगांठ मानवता भलाई कार्यों को समर्पित रही। इस पावन अवसर पर शाह सतनाम जी धाम में नामचर्चा के माध्यम से पूज्य गुरु जी के पावन वचनों का लाभ उठाया। नामचर्चा में पूज्य गुरु जी द्वारा भेजे गए ‘रूहानी पत्र ’को पढ़कर सुनाया गया। नामचर्चा के दौरान जरूरतमंद लोगों को राशन, सिलाई मशीन, ट्राइसाइकिल व बच्चों को कपड़े वितरित किए गए। इस अवसर पर आदिवासी परिवार की शादी भी हुई।
- पावन भंडारे पर भारी तादाद में पहुंची साध-संगत।
- बाजेखां रोड से लेकर शाह सतनाम जी धाम तक रोड हुई जाम।
- अलग-अलग ब्लॉकों द्वारा पावन भंडारे की खूशी में जागी निकाली गई।
- भीष्ण गर्मी को देखते हुए जगह-जगह पानी की व्यवस्था की गई।
- साध-संगत को सोशल मीडिया के बारे में किया जागरूक।
- कविराजों ने शब्दवाणी से साध-संगत को किया मंत्रमुग्ध।
डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस और जाम – ए – इन्सां गुरु का दिवस के उपलक्ष्य में सतीश इन्सां गांव खरड़वाल ब्लाक धमतान साहिब जिला जीन्द, हरियाणा निवासी ने 53वीं बार खूनदान किया।
रूहानी जाम ‘जाम-ए इन्सां गुरु का’
मर रही इन्सांनियत को पुनर्जीवित करने के लिए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी जाम ‘जाम ए इन्सां गुरु का’ का शुभारंभ 29 अप्रैल 2007 को अपने पवित्र कर कमलों द्वारा किया। रूहानी जाम पीने से पहले डेरा श्रद्धालु डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई के लिए बनाए गए 47 नियमों की पालना करने का संकल्प लेते हैं। ये नियम मनुष्य को नैतिक तौर पर पाक पवित्र जीवन यापन करने व मनुष्यता की भलाई के कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
छाया: सुशील कुमार
अब तक करोड़ों डेरा श्रद्धालु रूहानी जाम पीकर अपने जीवन में खुशियां भर चुके हैं। रूहानी जाम पीकर लोगों में इन्सानियत की भावना भी जागी है, जिसने भी सच्ची भावना से रूहानी जाम ग्रहण किया, उसकी जिंदगी का दस्तूर ही बदल गया। रूहानी जाम की शुुरुआत के बाद डेरा सच्चा सौदा की साध संगत ने भलाई कार्यांे की रफ्तार तच्चे, जो बीमार हैं, उनका ईलाज करवाएगे व खाने का सामान देंगे।
बढ़ रही मानवता भलाई के कार्यों की सूची
25 अगस्त 2017 से लेकर डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ चाहे कितनी भी सोची-समझी चालें, मुश्किलें खड़ी की गई लेकिन डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों की सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। असामाजिक तत्वों द्वारा चली गई कोई चालें और हत्थकंडे साध-संगत को मानवता भलाई के कार्य करने से रोक नहीं सकीं। पूज्य गुुरू जी ने इस समय मानवता भलाई का संदेश अलग-अलग चिट्ठियों द्वारा देकर मानवता का कल्याण किया है। अब इन मानवता?भलाई के कार्यों की संख्या 138 तक जा पहुंची है।
पावन भंडारे के अवसर पर कैंप का आयोजन
छाया: सुशील कुमार
जब शाह मस्ताना जी महाराज ने “शाह सतनाम जी धाम” बारे फरमाये वचन…
सरसा। सत्संगी हंंसराज गांव शाहपुर बेगू ने बताया कि सन् 1955 की बात है। पूज्य बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज गांव नेजिया खेड़ा में सत्संग फरमाने के लिए जा रहे थे। पूज्य बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज गांव के नजदीक एक टीले पर विराजमान हो गए, जहां अब शाह सतनाम जी धाम में अनामी गुफा (तेरा वास) है। सभी सत्ब्रह्मचारी सेवादार तथा अन्य सेवादार अपने पूज्य मुर्शिदे-कामिल की हजूरी में आकर बैठ गए। पूज्य बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने सभी सेवकों को फरमाया, ‘‘आप सभी हमारे साथ मिलकर इस पवित्र स्थान पर सुमिरन करो।’’ सभी ने बैठकर पन्द्रह-बीस मिनट तक सुमिरन किया। फिर पूज्य बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने हँसते हुए फरमाया, ‘‘बल्ले! इत्थे रंग-भाग लग्गणगे।’’ इस पर पूज्य मस्ताना जी महाराज ने फरमाया, ‘‘भई! रंग-भाग तां लग्गणगे, पर नसीबां वाले देखेंगे। बाग-बगीचे लग्गणगे। लक्खां संगत देखेगी।’’
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