रंगा, मत्तड़, मलेवाला व टूटे रंगोई नाले को पाटने में किया ग्रामीणों का सहयोग
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। हाथ में कस्सी, सिर पर तसला (बट्ठल) और अपने गुरु मुर्शिद के दिखाए मार्ग पर हर रोज एक कारवां अनजान जगह और जरूरतमंद लोगों का दु:ख दर्द बांटने निकल पड़ता है। ना उन्हें अपने कारोबार की चिंता है और ना ही परिवार की। चिंता है तो सिर्फ बाढ़ ग्रस्त इलाकों के पीड़ितों की। जी हां, हम बात कर रहे हैं शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के उन सेवादारों की जो फौलादी इरादों के साथ सप्ताहभर से विभिन्न जिलों में घग्गर के पानी के आगे चट्टान की भांति डटे हुए हैं और पानी को आबादी वाले क्षेत्र में आने से रोक रहे हैं। Flood
सेवादार हमेशा की तरह बाढ़ पीड़ितों का ना केवल दु:ख दर्द बांट रहें हैं। बल्कि हर पल उनके साथ खड़े होकर उनका मनोबल भी बढ़ा रहे हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने शनिवार को भी घग्गर के पानी को आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने से रोकने के लिए सरसा में अलग-अलग स्थानों पर घग्गर के टूट रहे तटबंधों को बांधने और उनको मजबूत करने के लिए मोर्चा संभाला। Sirsa Flood
आज सेवादारों ने पंजाब क्षेत्र से सटे गांव रंगा व मत्तड़ में घग्गर के तटबंधों पर ग्रामीणों व प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से मिट्टी से भरे थैलों की भारी बड़ी भरत डालकर उनको मजबूत किया। साथ ही शनिवार सुबह गांव मल्लेवाला में घग्गर के मुख्य तटबंधों में आई दरार से गांव मलेवाला के समीप ग्रामीणों द्वारा बनाए जा रहे अस्थाई बांध को बनवाने में ग्रामीणों का सहयोग किया। साथ ही बाजेकां में गांव फूलकां की ओर टूटे रंगोई नाले को बांधने में जुटे किसानों व ग्रामीणों की मदद की।
जरूरतमंदों को दिया जा रहा लंगर-भोजन | Sirsa Flood
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार टूटे बांधों को बनाने के अलावा प्रशासन के आह्वान पर रोजाना बाढ़ पीड़ितों व रेस्क्यू आॅपरेशन में जुटे लोगों के लिए लंगर-भोजन भी बनाकर भेज रहे है। 85 मैंबर जीत बजाज इन्सां ने बताया कि शाह मस्ताना जी धाम में सुबह-शाम बाढ़ पीड़ितों के लिए लंगर-भोजन बनाया जा रहा है।
जिसमें शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की सैंकड़ों सेवादार बहनें शिफ्ट बनाकर सेवा कर रही है। इसके अलावा 200 से अधिक लोगों के लिए पंचायत भवन में पैकेट भोजन हर रोज सुबह शाम दिया जा रहा है। जहां-जहां भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लंगर-भोजन, दवाइयों की जरूररत होती है, वहां सेवादारों की टीमें पहुंचकर उपरोक्त सामान दे रही है। जबकि बाढ़ राहत कार्य में जुटे ग्रामीणों व सेवादारों को भी लंगर-भोजन, पानी छकाया जा रहा है। लंगर-भोजन के लिए सेवादारों की एक अलग टीम बनाई हुई है। जिसमें दो दर्जन से अधिक सेवादार सेवा कर रहे है।
सेवादारों के बुलंद हौसले के आगे पस्त हुआ घग्गर का तेज बहाव | Sirsa Flood
चामल में रत्ताखेड़ा साइफन पर बनाया गया अस्थाई बांध जो शुक्रवार रात्रि को पानी बढ़ने से टूट गया था, उसको दोबारा बांधने के लिए मोर्चा संभाला। हालांकि इस दौरान सेवादारों को अत्याधिक गहराई के चलते इसे पाटने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन सेवादारों ने हौसला नहीं हारा और कड़ी मशक्त के बाद शनिवार शाम को करीब 5 बजे बांध को बांधकर ही दम लिया।
इस बांध के बनने से ओवरफ्लो चल रही रत्ताखेड़ा खरीफ चैनल में पानी कम हो गया है और दर्जनों गांवों से बाढ़ का खतरा एक बार टल गया है। बांध को बांधने के लिए सेवादारों ने एनडीआरएफ के दिशा-निर्देशन में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया और बांध को बांधने में विजयश्री हासिल की। बांध को बांधने के पश्चात सेवादारों ने वहां तिरंगा लहराते हुए धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही व पवित्र नारा लगाकर अपने सतगुरु का धन्यवाद किया। Haryan Flood
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