मांसाहार त्याग, शाकाहारी हुए 6 करोड़ लोग

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करोड़ों लोगों में बेजुबान जानवरों के प्रति दया-भाव जगाया

  • रंग लाई सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा की मुहिम

सरसा। प्रकृति के बेहद खूबसूरत जीवों को मारकर खाने की आदत इंसान को पशु प्रवृत्ति का बना रही है। मांसाहार के सेवन से ने केवल शारीरिक रोग घेर रहे हैं अपितु मानसिक तौर पर भी व्यक्ति में बेहद बदलाव आए हैं, जिसमें सबसे बड़ा दया-भाव का खात्मा है।

इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एवं भारत की पौराणिक संस्कृति के अनुसार शाकाहार अपनाने एवं फिर से दया-भाव की स्थापना के लिए डेरा सच्चा सौदा के पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ‘देव चरित्र’ मुहिम शुरू की। जिसके अनुसार मांसाहार का त्याग कर शाकाहार अपनाने पर बल दिया गया।

इस मुहिम के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिससे करोड़ों लोग स्वंय तो हमेशा के लिए मांसाहार से तौबा कर नर्क जैसी जिंदगी को संवारा ही बल्कि आज वे समाज के लिए भी मिसाल बन गए हैं।

बता दें कि वर्ष 1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना के साथ ही पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज ने मांसाहर छुड़वाकर शाकाहार अपनाने की पवित्र मुहिम की शुरूआत की थी।

तब से लेकर आज तक यह सिलसिला ज्यों का त्यों जारी है। पूज्य सार्इं मस्ताना जी महाराज के उपरांत पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज व अब पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां समाज से मांसाहार, नशों व अन्य सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए आवाज उठाते आ रहे हैं।

रूहानी सत्संगों के दौरान अब तक देश व दुनिया के 6 करोड़ से भी अधिक लोगोें ने पूज्य गुरू जी से गुरूमंत्र की अनमोल दात प्राप्त कर मांसाहार छोड़ने का प्रण लेकर अपने नारकीय जीवन को स्वर्ग बनाया है और यह सिलसिला लगातार जारी है।

मांसाहर छोड़ने के अभियान में पूज्य गुरु जी द्वारा निर्मित फिल्में भी मिल का पत्थर साबित हो रही हैं। पूज्य गुरु जी की फिल्मों से प्रेरणा पाकर अब तक देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी लाखों लोगों ने मांसाहार से तौबा की है।

मांसाहार छोड़ जमाने के लिए बन गए मिसाल

मांसाहार छुड़वाकर शाकाहार अपनाने की मुहिम को पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने और अधिक गति दी है। यह पूज्य गुरु जी की पवित्र प्रेरणाओं का ही परिणाम है कि रोजाना सुबह का नाश्ता भी मांसाहर से करने वाले बड़े-बड़े मांसाहारी भी यहां आकर इस तरह से बदले कि जमाना आज उन्हें हैरत भरी नजरों से देखता है।

पूज्य गुरू जी के पावन वचनों की बदौलत आज ऐसे करोड़ों घरों की थाली से मांसाहर गायब हो गया है। यही नहीं मांसाहर छोड़ने वाले लोगों ने लाखों अन्य युवाओं को भी डेरा सच्चा सौदा लाकर उनका भी मांसाहर छुड़वाकर उनकी अनमोल जिंदगी को संवारा और यह क्रम लगातार जारी है। ऐसे यहां लाखों उदाहरण मिल जाएंगे जो हर रोज मांसाहार पर पचास से सौ रुपए तक खर्च कर देते थे और आज नॉनवेज का त्याग कर दूसरों के लिए मिसाल बने हैं।

 

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