बरनावा (सच कहूँ )। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार सायं रूहानी मजलिस में फरमाया कि आप पढ़ते हैं, डिग्री डिप्लोमा करते हैं। कितना समय लगाते हैं उसके लिए? क्या जन्म लेते ही आपके हाथ में कभी डिग्री आई है? क्या उम्र के 20-25 साल लगाने से पहले मास्ट्रेट की डिग्री आपने हासिल की है। हो सकता है थोड़ा 20 साल में कर ली होगी, पर इतने साल तो लगाए। और प्रभु के लिए, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा के लिए, उस परमपिता परमात्मा के लिए एक मिनट आप देते नहीं और बैठे बिठाये कह देते हैं कि वो है ही नहीं, फिजूल की बातें हैं। ये तो गलत बातें हैं। तो आपकी सोच गलत है।
जब छोटी डिग्रियां लेने के लिए इतना-इतना समय देना पड़ सकता है तो क्या भगवान डिग्रियों से छोटे हैं? उसके लिए भी समय देना है, टाइम देना होगा। हमारे धर्म तो ये कहते हैं वो तो कण-कण में विराजमान है, जर्रे-जर्रे में विराजमान है। तो इसका मतलब वो साइंटिस्ट, महासाइंटिस्ट। संत, पीर, पैगम्बर, हम उनको कह रहे हैं साइंटिस्ट, महा साइंटिस्ट। उन्होंने उसको जर्रे-जर्रे में, कण-कण में देखा है, क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा रिसर्च में लगाया है।
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