भीष्ण गर्मी के बावजूद पंजाब राज्य के विभिन्न ब्लॉकों से भारी संख्या में पहुंची साध-संगत
- 142 मानवता भलाई कार्यों के तहत फूड बैंक से 55 अति जरूरतमंद परिवारों को दिया एक-एक माह का राशन, ‘आशियाना मुहिम’ के तहत 1 परिवार को नए घर की चाबी दी गई।
- पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को सुन साध-संगत हुई निहाल
सलाबतपुरा (एम के शायना)। डेरा सच्चा सौदा शाह सतनाम जी रुहानी धाम राजगढ़, सलाबतपुरा में रविवार को समस्त साध-संगत द्वारा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अवतार माह का भंडारा श्रद्धाभाव और बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। डेरा सच्चा सौदा शाह सतनाम जी रुहानी धाम राजगढ़, सलाबतपुरा में आयोजित पावन भंडारे की नामचर्चा में डेरा श्रद्धालुओं की तादाद इतनी बड़ी थी कि नामचर्चा पंडाल भी छोटे पड़े गये।
नामचर्चा के दौरान डेरा श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरु जी द्वारा पूरे विश्व में चलाये जा रहे 142 मानवता भलाई कार्यों में से एक ‘फूड बैंक’ मुहिम के तहत 55 अति जरूरतमंद परिवारों को एक-एक माह की राशन की किटें वितरित की गई और ‘आशियाना मुहिम’ के तहत 1 परिवार को नए घर की चाबी दी गई। इससे पूर्व पावन भंडारे की नामचर्चा की शुरूआत इलाही नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का पवित्र नारा लगाकर व आई हुई समस्त साध-संगत को रूहानी स्थापना दिवस की बधाई देकर की। जिसके बाद कविराजों ने पवित्र ग्रंथों से भजन गाकर नामचर्चा पंडाल को भक्तिमय कर दिया।
हमेशा मानवता भलाई के रास्ते पर दृढ़ता से चलो: पूज्य गुरु जी
नामचर्चा के दौरान बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉडिड अनमोल वचनों को साध-संगत ने श्रद्धा के साथ सुना। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इन्सान को प्रभु का नाम सिमरन करना चाहिए तभी जिंदगी में बेइंतहा खुशीयां मिलती हैं। उन्होंने ने फरमाया कि किसी जीव को मारना, तड़पाना राक्षसों का काम है मनुष्य का नहीं।
झूठ न बोलना, ठगी, बेइमानी न करना, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी न करना और कभी भी किसी का बुरा न सोचना, न करना, निंदा-चुगली नहीं करनी चाहिए। ये सब हमारे धर्मों में लिखा हुआ है, लेकिन आज आदमी यही सब करता है। इन्सान को ऐसा नहीं करना चाहिए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इन्सान को हमेशा सच के रास्ते पर चलना चाहिये, अगर इंसान भगवान की भक्ति-इबादत करेगा तो उसे वो नजारे मिलेंगे जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
गुरु भक्ति के आगे छोटे पड़े सभी इंतजमात
पावन भंडारे की नामचर्चा में शिरकत करने पहुंची साध-संगत के खाने-पीने व बैठने के लिए स्थानीय साध संगत द्वारा विशेष प्रबंध किए गए। हालांकि इन कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए शनिवार को ही लगभग एक हजार से अधिक सेवादारों ने अपनी-अपनी ड्यूटियां संभाल ली थी। लेकिन साध-संगत के भारी उत्साह के समक्ष प्रबंध छोटे पड़ते नजर आए। जहां तक नजर जा रही थी साध-संगत ही साध-संगत दिखाई दे रही थी। नामचर्चा की समाप्ति पर कुछ ही मिनटों में समस्त साध-संगत को भोजन, प्रशाद खिलाया गया।
आकर्षण का केन्द्र रहा हर हाथ में राष्ट्रीय तिरंगा
पावन भंडारे की नामचर्चा के दौरान डेरा प्रेमी हाथ में तिरंगे फहराते दिखे तो कर किसी की निगाहें उनकी ओर ठहर गई। डेरा श्रद्धालुओं ने नाचकर अपनी खुशी व उत्साह का इजहार किया। नामचर्चा में संगीत की धुन्नों पर नाचते गाते पहुंची साध-संगत के चेहरों पर अपने पूर्ण सतगुरु जी के प्रति जो विश्वास व श्रद्धा झलक रही।
आने-जाने और ट्रैफिक ग्राउंड में थे पुख्ता प्रबंध
साध संगत को आने जाने में कोई तकलीफ ना हो इसलिए रुट पहले से ही निश्चित थे। सेवादार भाइयों ने गाड़ियां मोटरसाइकिल वगैरह सब सुचारू ढंग से कतारों में खड़ा करवाया। नाम चर्चा के तुरंत बाद सेवादारों द्वारा चंद मिनटों में ही सारी साथ संगत को यंगर भोजन करवाया गया। आपको बता दें कि अवतार माह की खुशी में हर जगह पावन भंडारे मनाए जा रहे हैं और साध? संगत इसे जोर शोर के मानवता भलाई के कार्य करके मना रही है।
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