पावन अवतार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान शिविर में देश
के कोने-कोने से पहुंचे ब्लड बैंकों के प्रतिनिधि बोले
‘रक्तदान का समंदर है डेरा सच्चा सौदा’ | Dera Sacha Sauda
- ‘ट्रयू ब्लड पंप’ को बताया जिंदगीयां बचाने में नंबर वन | Dera Sacha Sauda
सुखजीत मान/मनदीप सिंह/सरसा। हम ब्लॅड बैंकों में रक्त एकत्रित करने के लिए डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) पर निर्भर हैं, क्योंकि डेरा सच्चा सौदा रक्तदान का समुन्द्र है। हम यहां के शिविरों में रक्त एकत्रित करने के लिए पिछले कई सालों से आ रहे हैं, कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि हमें उम्मीद से कम रक्त मिला हो क्योंकि यहां रक्त दान लेने वाले डॉक्टर थक जाते हैं परन्तु रक्तदानी नहीं थकते। यहां के शिविर का माहौल देश भर में लगने वाले रक्तदान शिविरों से हटकर ही है। यह कहना था पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अवतार दिवस के उपलक्ष्य में लगाए गए रक्तदान शिविर में विभिन्न स्थानों से पहुंचे ब्लॅड बैंकों के प्रतिनिधियों का।
पुरोहित ब्लॅड बैंक श्री गंगानगर के इंचार्ज डॉ. विष्णु पुरोहित का कहना है कि जब से डेरा सच्चा सौदा में रक्तदान शिविरों की शुरूआत हुई है, हम तब से अपने टीम सहित यहां रक्त एकत्रित करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम बाहर के शिविरों में भी रक्त एकत्रित करने के लिए जाते हैं लेकिन डेरा सच्चा सौदा के रक्त शिविरों के प्रबंध व रक्तदानियों का जज्बा बेमिसाल है। ऐसा हमने कहीं भी नहीं देखा। यहां के सेवादार पैरा-मेडिकल स्टॉफ की सेवाएं भी देते हैं, जिससे टीमों को काफी मदद मिलती है।
डॉ. पुरोहित ने कहा कि यह केवल डेरा सच्चा सौदा ही है जहां रक्तदान से शुरू होकर एकत्रित ब्लॅड वैनों में रक्त रखवाने की सेवा भी रक्तदानी करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि डेरा सच्चा सौदा को रक्तदानियों का समुन्द्र कहा जाए तो यहां के जज्बे के सामने ये शब्द भी छोटा है। संजीवनी ब्लॅड बैंक के इंचार्ज करतार सिंह ने बताया कि वह लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा के शिविरों में रक्त एकत्रित करने के लिए आ रहे हैं।
पिछले कई महीनों के दौरान यहां शिविर नहीं लगे, जिसके कारण उन्हें व अन्य ब्लॅड बैंकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि अन्य दूसरे शिविरों से उन्हें इक्ट्ठा खून नहीं मिलता। पीतमपुरा ब्लॅड बैंक नई दिल्ली के इंचार्ज सुमीर का तर्क है कि उन्हें यहां के शिविरों से हमेशा ही जरूरत के अनुसार रक्त मिल जाता है।
कहीं नहीं देखा रक्तदान का ऐसा जोश | Dera Sacha Sauda
लोक मान्य ब्लॅड बैंक गोडिंया (महाराष्टÑ) के इंचार्ज नितिन गायकवाड़ का तर्क है कि महाराष्टÑ क्षेत्र में लोग रक्तदान करने के प्रति जागरूक नहीं हैं इसीलिए उनके बैंक के लिए डेरा सच्चा सौदा के रक्तदान शिविर ही सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के रक्तदान शिविर में स्व-इच्छा से रक्तदान करने वालों की भरमार है।
हमें कभी रक्त की चिंता नहीं रही : रवि गजभैये | Dera Sacha Sauda
लाइफ लाइन ब्लॅड बैंक पूणे के इंचार्ज रवि गजभैये का कहना है कि वह सात सालों से यहां के शिविरों में आ रहे हैं। यहां के रक्तदानियों जैसा जोश, जज्बा, जुनून कहीं देखने को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा में समय-समय पर रक्तदान शिविरों के कारण उन्हें ब्लॅड बैंक के लिए रक्त की कोई चिंता नहीं रहती। इतनी दूर से आने के बावजूद कभी ऐसा नहीं हुआ कि उन्हें जरूरत अनुसार रक्त न मिलने के कारण निराश वापिस जाना पड़ा हो।
मां-बेटी ने एकसाथ किया रक्तदान | Dera Sacha Sauda
शिविर में रक्तदान करने वाले रक्तदानियों के चेहरों पर एक अलग सा सुकून था। दिल्ली से रक्तदान करने पहुंची जयरानी इन्सां व उसकी पुत्री कृष्णा इन्सां ने एकसाथ रक्तदान किया। कृष्णा इन्सां का कहना था कि डेरा सच्चा सौदा की प्रेरणा के तहत वह समय-समय पर रक्तदान करती रहती हैं। शिविर में एकसाथ रक्त दान करने पर बेहद खुशी महसूस हो रही है।
वजन कम होने के कारण रक्तदान न कर पाने वाले हुए निराश | Dera Sacha Sauda
रक्तदान शिविर में श्रद्धालु इतने उत्साहित थे कि वह लंंबी-लंबी लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इस मौके रक्तदान करने की इच्छा से आए कईयों को रक्तदान करने की प्राथमिक शर्तें पूरी न होने के कारण रक्त न दान करने के कारण उन्हें निराशा भी हाथ लगी। गुरुहरसहाए की काजल इन्सां एमएससी मैथ की छात्रा है। इस छात्रा में रक्तदान करने का जज्बा तो था लेकिन वजन कम होने के कारण वह रक्तदान नहीं कर सकी। इसी तरह फिरोजपुर से आई अंकिता इन्सां, जो बीए की छात्रा है का वजन कम होने के कारण रक्तदान नहीं कर सकी। अपने जज्बे को कायम रखते हुए अंकिता इन्सां ने कहा कि वह वजन पूरे होने पर जल्द ही रक्तदान जरूर करेगी।
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