मिशन साथी। याद ए मुर्शिद पोलियो पैरालिसिस एवं नि:शक्तता उन्मूलन शिविरों में अब तक हजारों असहायों को मिला सहारा
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। किसी ने हादसे में पैर गंवा दिए तो किसी के चले गए दोनों हाथ, कुदरत का मारा कोई जन्मजात ही चलने-फिरने से लाचार था तो कोई ठीक से उठ-बैठ भी नहीं पा रहा था। किसी की रीढ़ की हड्डी जवाब दे गई थी कुछ ऐसे मानसिक रोगी कि अपने मां-बाप तो क्या स्वंय को पहचानने तक की सुध-बुध नहीं थी। कुदरत के दिए ऐसे सभी जख्मों पर मिशन ‘साथी’ के तहत मरहम लगाने की वर्षों से पहल करता आ रहा है सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह पूज्य साईं शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवल्पमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में हर वर्ष 17 अप्रैल से लगने वाले याद ए मुर्शिद पोलियो पैरालिसिस एवं नि:शक्तता उन्मूलन शिविर में अब तक हजारों मरीजों को सहारा मिला है।
इस कैंप के दौरान पोलियोग्रस्त मरीजों के शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के अत्याधुनिक थियेटरों में नि:शुल्क आॅप्रेशन किए जाते हैं तथा आॅप्रेशन के बाद मरीजों के ठहरने के लिए भी व्यवस्था की जाती है। मरीजों का खाना, रहना, टेस्ट, दवाइयां, आॅप्रेशन व आप्रेशन के बाद की देखभाल इत्यादि का सभी खर्च शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवल्पमेंट फाउंडेशन द्वारा वहन किया जाता है। फाउंडेशन द्वारा आप्रेशन के बाद मरीजों को बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बस सेवा भी उपलब्ध करवाई जाती है। शिविर के दौरान जरूरतमंद दिव्यांगों को कृत्रिम अंग भी वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा जरूरतमंदों को ट्राइसाईकिल वितरण का सिलसिला वर्षभर जारी रहता है।
यह आॅप्रेशन किए जाते हैं शिविर में
आप्रेशन में मुख्य रूप से टेंडन ट्रांसफर, ओस्टूयमी, मसल्स रीलिस, फेसिया रीलिस, लेंग्थ टाइनिंग इत्यादि आप्रेशन किए जाते हैं। शिविर में मुख्यत: सैरिब्रल पालसी , पोलियोग्रस्त, चोट के बाद की कमी, जलने के बाद की दिक्कतें, जन्मजात विकृत्तियां, जन्म के समय आई दिक्कतें इत्यादि बीमारियों से पीड़ित मरीजों के आप्रेशन किए जाते हैं।