Welfare Work : मंदबुद्धि के लिए मसीहा बने डेरा सच्चा सौदा के सेवादार

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पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की ‘इन्सानियत’ मुहिम ला रही रंग (Welfare Work)

  • मेहंदा गढ़ी के सेवादारों ने जसंवत को अपनों से मिलाया
  • जीटी रोड़ पर बदहाल और गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला था जसवंत
  • नि:स्वार्थ सेवा ने दिखाया रंग, अब हुआ पूरी तरह स्वस्थ

मेहंदा गढ़ी। जब कोई अपनों से बिछड़ता है तो उसका दर्द सिर्फ वोही महसूस कर सकता है, जिसके जिगर का वो टुकड़ा होता है। ऐसे ही न जाने कितने मानसिक रूप से कमजोर मंदबुद्धि पुरुष व महिलाएं अंजान सड़कों पर अपनों को सारी उम्र खोजती रहती हैं। इनके दर्द को समझते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ‘इन्सानियत’ मुहिम की शुरूआत की। इसी मुहिम का अनुसरण करते हुए ब्लॉक गढ़ी के जिम्मेवार सेवादारों ने घायल अवस्था में मिले एक मंदबुद्धि व्यक्ति का उपचार करवाया और उसकी संभाल की। जब यह व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो गया तो मध्य प्रदेश के 45 मैंबर अरविन्द इन्सां एडवोकेट की मदद से उसके परिवार को सौंप दिया। बता दें कि
इस नेक कार्य में सच कहूँ का भी विशेष योगदान रहा है।

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जीटी रोड़ में बदहाल मिला था जसवंत

जानकारी के अनुसार मास्टर श्याम लाल इन्सां को प्रेमपुरा धाम गढ़ी के नजदीक जीटी रोड़ पर एक मंदबुद्धि व्यक्ति दिखाई दिया, जो बदहाल और गंभीर रूप से घायल था। इसके बाद वे उस मंदबुद्धि व्यक्ति को प्रेमपुरा धाम में ले आए और उसे खाना खिलाया और नहला धुलाकर, नए कपड़े पहनाकर उसकी मरहम पट्टी करवाई गई। सेवादारों ने उस व्यक्ति से उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कुछ नहीं बता पाया। इसके पश्चात ब्लॉक भंगीदास अमीर इन्सां, मास्टर श्याल लाल इन्सां, धर्मपाल इन्सां गढ़ी, एसबीएस लाल सिंह इन्सां ने उक्त व्यक्ति की सार संभाल की और उसका उपचार करवाया।

सेवादारों की सेवा भावना लाई रंग

सेवादारों के सेवा और प्रेम भाव के चलते उक्त मंदबुद्धि व्यक्ति ने अपने परिवार के बारे में बताया। उसने बताया कि उसका नाम जसवंत सिंह है और उसके पिता का नाम शिवदयाल और माँ का नाम कमला है। उसकी पत्नी और दो बच्चे भी हैं। वह मध्य प्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील के सालोन बी का रहने वाला है। इसके पश्चात जसवंत सिंह का संपूर्ण उपचार करवाया गया और जब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया तो ब्लॉक मेहंदा गढ़ी के सेवादारों ने उसके परिवार वालों से संपर्क साधने के प्रयास शुरू किया।

भंगीदास अमीर इन्सां ने जसवंत के मिलने के संबंध में पुलिस को जानकारी देते हुए जरूरी कागजी कार्रवाई की। इसके पश्चात जसवंत को मेहंदा गढ़ी के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार जसबीर इन्सां व धर्मपाल इन्सां के साथ घर के लिए रवाना गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से 45 मैंबर एडवोकेट अरविंद इन्सां, जसबीर इन्सां और धर्मपाल इन्सां ने आवश्यक कागजी कार्रवाई के पश्चात जसवंत को मध्य प्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील के सालोन बी की पंचायत की मौजूदगी में उसके परिजनों के सुपुर्द किया।

दिल के टुकड़े को देख भर आर्इं माता-पिता की आँखें

जैसे ही पिता शिवदयाल और माँ कमला ने जसवंत को देखा तो खुशी के मारे उनकी आँखें भर आर्इं। जसवंत के पिता शिवदयाल बार-बार हाथ जोड़कर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का धन्यवाद करने लगे। उन्होंने बताया कि हम तो उम्मीद ही छोड़ बैठे थे कि अब जसवंत शायद ही कभी मिले। क्योंकि इसकी काफी तलाश की, लेकिन कहीं से कुछ पता नहीं चला। वहीं परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते भी परिवार मजबूर था।

पूज्य गुरु जी की प्रेरणा लाई रंग

मध्य प्रदेश के 45 मैंबर एडवोकेट अरविन्द इन्सां ने कहा कि ये सब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं की बदौलत ही संभव हुआ है। पूज्य गुरु जी ने हमें सिखाया है कि जरूरतमंदों की हमेशा मदद करनी चाहिए और मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करना ही सच्ची इन्सानियत है।

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