विश्व भर में डेरा सच्चा सौदा अनुयायियों ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को किया सजदा
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पूज्य गुरु जी ने भेजा शाही पत्र, साध-संगत को पढ़कर सुनाया
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दिव्यांगजनों को मिला ट्राइसाइकिल का सहारा
सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का पावन अवतार दिवस डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने सोमवार को दुनिया भर में मानवता भलाई कार्यों के साथ मनाया। इस शुभ अवसर पर साध-संगत में अपने सतगुरु के प्रति अटूट प्रेम, श्रद्धा और विश्वास का अनुपम संगम देखने को मिला। शाह सतनाम जी धाम, सरसा में नामचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा राज्य से भारी संख्या में साध-संगत ने ही शिरकत की। बाकी राज्यों की साध-संगत ने अपने-अपने ब्लॉकों में ही मानवता भलाई के कार्य कर अवतार दिवस मनाया।
102 जरूरतमंद लोगों को दिए कंबल, गरीब परिवारों को मिली मकानों की चाबियां
नामचर्चा में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाए गए 134 मानवता भलाई कार्यों को गति देते हुए 102 जरूरतमंद लोगों को गर्म कंबल, गरीब परिवारों को साध-संगत द्वारा बनाकर दिए गए 4 मकानों की चाबियां और दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिलें दी गर्इं। इस दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा साध-संगत के नाम भेजा गया ‘शाही पत्र’ भी पढ़कर सुनाया गया। जिसके द्वारा मानवता भलाई कार्यों की श्रंखला में ‘हम दो, हमारे दो’ या ‘हम दोनों एक और हमारा एक बच्चा होगा’ 135वां कार्य भी शामिल हुआ। पत्र के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को मानवता भलाई बढ़ चढ़कर करने के लिए आह्वान किया।
इसके अलावा ‘‘कुल का क्राऊन’’ मुहिम के तहत एक बेटी ‘‘भक्त मर्द गाजी’’ के साथ विवाह बंधन में बंधी। वहीं 11 अन्य युगल डेरा सच्चा सौदा की मर्यादानुसार दिलजोड़ माला पहनाकर विवाह बंधन में बंधे। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों और न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, यूएई सहित विभिन्न देशों की करोड़ों की संख्या में साध-संगत ने आॅनलाइन नामचर्चा का लाभ उठाया।
शाह सतनाम जी धाम में सोमवार दोपहर 12 बजते ही ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ के पवित्र नारे के साथ आसमां गुंजायमान करते हुए साध-संगत ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पावन अवतार दिवस की बधाई दी जिसके साथ नामचर्चा का आगाज हुआ। तत् पश्चात कविराज भाइयों ने ‘सतगुर, सतगुरु, प्यारे सतगुरु’, ‘जलालआणे आये अवतार जीयो’, ‘आई-आई जी 25 जनवरी प्यारी-प्यारी’, ‘हमरा लख-लख सजदा धरती इस प्यारी को’ आदि भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया।
इस शुभ अवसर पर पूज्य गुरु जी के रिकॉर्डिड अनमोल वचन चलाए गए। पूज्य गुरु जी ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पवित्र जीवन व परोपकारों पर प्रकाश डालते हुए फरमाया कि शाह मस्तान जी, शाह सतनाम जी दाता रहबर ने लोगों को इन्सानियत, मानवता का पाठ पढ़ाया। बचपन से ही संत पीर-फकीर अपने आप में अलग होते हैं। हिन्दी में एक कहावत है पूत के पाँव पालने में नजर आ जाते हैं तो वैसा ही शाह सतनाम जी महाराज के साथ था। अगर उनके जन्म से पहले की बात करें तो बहुत बड़ा घराना था। पूज्य पिता वरियाम सिंह जी पूरे गाँव के जैलदार थे। पूज्य माता आस कौर जी बहुत ही धार्मिक भावना रखती थीं। पूजनीय पिता जी ने आपजी का नाम हरबंस सिंह रखा, जो वंश को हरा-भरा कर दे। आप जी में बचपन से लेकर युवावस्था तक आपजी के अद्भुत सद्गुण प्रकट हुए।
एक बार बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज जब श्री जलालआणा साहिब की ओर गए तो आपजी एक जगह पर रूक गए। बेपरवाह जी ने वहां पर डंगोरी (लाठी) से एक गोल दायरा बनाया। इस पर वहां मौजूद 10-15 सेवादारों ने पूछा कि सार्इं जी ये क्या है। इस पर बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने फरमाया कि आओ वरी(भाई)! आपको रब्ब की पैड़ (पद्चिन्ह) दिखाते हैं। वहां मौजूद गाँव के लोगों ने बताया कि ये पैड़ तो हमारे गाँव के जैलदार हरबंस सिंह की है। पूजनीय बेपरवाह सार्इं जी ने हंसते हुए फरमाया वरी (भाई) मानों या न मानों ये रब्ब की पैड है। इस दौरान पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के मानवता पर किए गए परोपकारों को दर्शाती एक डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई।
‘हम दो, हमारे दो’ या ‘हम दोनों एक और हमारा एक बच्चा होगा’ 135वां मानवता भलाई कार्य शुरू
कोविड-19 के नियमों का हुआ पूर्णत: पालन
पावन अवसर पर कोरोना महामारी के मद्देनजर शाह सतनाम जी धाम में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं के हाथों को सेनेटाइज करवाया गया। इसके साथ ही थर्मल स्कैनिंग, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेसिंग सहित सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन किया गया। इसके साथ आश्रम के प्रवेश द्वार पर नि:शुल्क मास्क भी उपलब्ध करवाए गए।
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