इन्सानियत: 240 किलोमीटर दूर गुरनाम के परिजन तलाशने पहुंचे सेवादार
- परिवार से मिलाने के लिए हनुमानगढ़ से लुधियाना पहुंचे सेवादार
- उम्मीद छोड़ चुके थे परिजन
लुधियाना (रघबीर सिंह)। राजस्थान के हनुमानगढ़ के राष्ट्रीय मार्ग पर लावारिस हालत में मिले मंदबुद्धि गुरनाम सिंह को जब बुधवार को शाह सतनाम जी ग्रीन यह वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार प्रदीप इन्सां, कृष्ण इन्सां पेंटर व हेतराम इन्सां ने लुधियाना में उसके परिवार से मिलाया तो परिवार के पांव जमीन पर नहीं लग रहे थे। डेरा सच्चा सौदा का गुणगान करते हुए परिवार ने सेवादारों का धन्यवाद किया। दो ढाई साल से लापता गुरनाम सिंह को परिवार ने एक हादसे में मरा समझ कर उम्मीद छोड़ दी थी।
4 जून को जयपुर से मिला था
हनुमानगढ़ से आए सेवादारों ने बताया कि गुरनाम सिंह चार जून को उन्हें जयपुर राष्ट्रीय मार्ग से लावारिस हालत में मिला। सेवादारों ने उसकी परवरिश की और पूछने पर अपना पता लुधियाना का बताया। प्रदीप इन्सां, कृष्ण इन्सां पेंटर व हेत राम इन्सां ने लुधियाना की साध संगत के जिम्मेवारों से संपर्क कर वट्स-एप पर गुरनाम सिंह की फोटो भेजी।
जिम्मेवारों ने परिवार के सुपुर्द किया
लुधियाना के जिम्मेवारों ने उक्त बताए गए पते पर वहां जाकर फोटो दिखाकर उनके परिजनों का पता लगाया। बुधवार को सेवादार गुरनाम सिंह को हनुमानगढ़ से लुधियाना पहुंचे जहां लुधियाना के जिम्मेवार को साथ लेकर गुरनाम सिंह के परिवार के पास पहुंचे और गुरनाम सिंह को परिवार के सुपुर्द किया।
हमने तो ढूंढना बंद कर दिया था
गुरनाम सिंह के पिता बलदेव सिंह और माता बचन कौर व बहन भाइयों ने सेवादारों का धन्यवाद करते हुए बताया कि गुरनाम सिंह 2 ढाई साल पहले घर से चला गया था। उन्होंने उसे ढूंढना बंद कर दिया था। कुछ समय पहले उन्हें किसी ने बताया कि गुरनाम सिंह की एक हादसे में मौत हो गई है। वह गुरनाम सिंह की उम्मीद छोड़ चुके थे।
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