कोरोना वायरस: एक तरफ खौफ, तो दूसरी तरफ इंसानियत की सेवा का जज्बा (Humanity)
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह )। कोरोना वायरस के कारण जहां एक तरफ पूरे विश्व में खौफ फैला हुआ है तो वहीं, दूसरी तरफ इस खौफ को अनदेखा कर डेरा श्रद्धालुओं द्वारा इंसानियत को बचाने के लिए बरकरार रखा जा रहा सेवा का जज्बा काबिल-ए-तारीफ है। जिसके चलते ब्लड बैंकों में आई खून की कमी को पूरा करने में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी के अंतर्गत ही स्थानीय तीन डेरा श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की शिक्षाओं पर चलते इंसानियत प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए खुद-ब- खुद स्थानीय सिविल अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक पहुंच कर अपना एक – एक यूनिट रक्तदान किया।
रक्तदान कर इंसानियत के सच्चे पहरेदार होने का फर्ज अदा कर रहे हैं
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में कोविड-19 की फैली महामारी के कारण हर किसी में सहम का माहौल पैदा हुआ पड़ा है और दूसरे तरफ पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की महान शिक्षाओं पर अमल करते रोजमर्रा की सैंकड़ों सेवादार मानवता की बेहतरी के लिए रक्तदान कर इंसानियत के सच्चे पहरेदार होने का फर्ज अदा कर रहे हैं। कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे कर्फ्यू के कारण स्थानीय सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में पड़ी रक्त की कमी को पूरा करने के लिए स्थानीय डेरा श्रद्धालु सुरिन्दर कुमार इन्सां, धीरज इन्सां व मनीष बांसल ने इंसानियत प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते अपना एक एक यूनिट रक्तदान कर इन्सानियत की मिसाल पैदा की है।
यह भी बताया जाता है कि सुरिन्दर कुमार इन्सां, धीरज इन्सां व मनीष बांसल क्रमवार 43, 26 और 4बार अपना रक्तदान कर चुके हैं। इन रक्तदानियों का कहना है कि उक्त महान कार्य की प्रेरणा उनको डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. एमएसजी से मिली है, जिसके अंतर्गत समय समय पर अपना फर्ज समझते हुए वह खुद-ब- खुद ब्लड बैंक पहुंच कर नियमित अपना खून दान करते हैं, जिससे खून बिना कोई भी इस दुनिया से विदा न हो।
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