लुधियाना : पौधों की संभाल को डेरा श्रद्धालुओं ने बनाया अपनी जिंदगी का अहम अंग

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सराहनीय प्रयास। पूज्य गुरू जी की ओर से शुरू की गई पौधारोपण मुहिम के तहत डेरा श्रद्धालुओं ने पर्यावरण को शुद्ध रखने का उठाया बीड़ा | Tree Plantation

  • डेरा श्रद्धालु पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए अपने बेटों की तरह कर रहे पौधों की संभाल

लुधियाना(सच कहूँ/रघबीर सिंह)। पौधे लगाकर उन की संभाल करने को (Tree Plantation) आज डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने अपनी जिंदगी का अहम अंग बना लिया है। प्रदूूषित हुए पर्यावरण को शुद्ध करने का डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु सफल प्रयास कर रहे हैं। डेरा श्रद्धालु पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए पौधे लगा कर उनकी संभाल करने को अपनी प्रकृति प्रति जिम्मेदारी समझते हैं। डेरा श्रद्धालुओं की ओर से लगाऐ पौधे आज बड़े हो कर छाया व फल बांट रहे हैं। डेरा श्रद्धालु पर्यावरण की शुद्धता के लिए आज तक लाखों पौधे लगा चुके हैं।

डेरा श्रद्धालुओं की ओर से लगाए लाखों पौधे आज बड़े हो कर लोगों को जहां छाया बांट रहे हैं वहीं पर्यावरण को शुद्ध करने में अहम भुमिका निभा रहे हैं। प्रदूषित पर्यावरण की समस्या गंभीर रू प धारण करती जा रही है। इस समस्या को गंभीरता से लेते डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े स्तर पर पौधे लगाकर पर्यावरण को शुद्ध करने में अपना कीमती योगदान दे रहे हैं। डेरा श्रद्धालुओं की तरह यदि सभी मिलकर पर्यावरण की संभाल के लिए इस प्रयास करें तो फिर से शुद्ध पर्यावरण हासिल किया जा सकता है।

आओ डेरा श्रद्धालुओं से जानें वह किस तरह से पर्यावरण की संभाल के लिए सफल प्रयास कर रहे हैं?

80 पौधे लगा चुके हैं पूर्ण चंद इन्सां | Tree Plantation

जनता नगर लुधियाना में रहते पूर्ण चंद इन्सां ने बताया कि जब से डेरा सच्चा सौदा ने पौधे लगाने की मुहिम शुरू की है तबसे ही वह हर साल 10 -12 पौधे लगाते हैं और उनकी संभाल करते हैं। पूज्य गुरू जी की प्रेरणा के साथ उन्होंने पौधे लगाने व उनकी संभाल करने को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया है। वह हर सप्ताह पौधों की संभाल के लिए समय जरूर निकालते हैं, जिसमें वह छोटे पौधों को पानी देने सहित उनके आसपास उगे घास बूटी साफ करते हैं। जो पौधे बड़े हो चुके हैं उनकी कटाई-छंटाई करते हैं। वह गलियों में अशोका के पौधों सहित खुले स्थानों पर नीम, फाईकस वगैरह के पौधे लगा चुके हैं। जो दिनों दिन बड़े हो रहे हैं, जिनकी छाया मनुष्य के साथ साथ पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए स्थान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो पौधे सूख जाते हैं। उन पौधों की जगह पर नये पौधे लगा देते हैं।

मिंटू इन्सां लगा चुके हैं नीम, गुडहल, जामुन अमरूद, अशोका व कड़ी पत्ता के 50 से अधिक पौधे

गिल चौंक में शू स्टोर चला रहे और मेड़ की चक्की समीप शिमलुपरी लुधियाना में रहते मिंटू इन्सां ने 5 साल पहले पौधे लगाना शुरू किया था। आज वह 50 से अधिक पौधों को लगाने व उनकी संभाल करने का सफल प्रयास कर चुके हैं। मिंटू इन्सां ने बताया कि गिल चौंक फ्लाई ओवर के साथ-साथ अपनी दुकान के सामने ही 50 से अधिक नीम, अमरूद, डेक, गुडहल, जामुन, कड़ी पत्ता आदि के पौधे लगा चुके हैं, जो आज बड़े होकर छाया देने लगे हैं। 4साल पहले लगाए डेक, नीम और अशोका के पौधे आज पूरी तरह पेड़ बन गए हैं। उन्होंने बातचीत दौरान बताया कि उनको पौधे लाने की प्रेरणा पूज्य गुरू जी से मिली है। वह समय समय पर पौधों को पानी और खाद देने सहित उनकी कटाई-छंटाई करने के लिए खास तौर पर समय निकालते हैं।

मेला सिंह इन्सां द्वारा लगाए पौधे पहुंच चुके हैं अपनी जवान अवस्था में

  • लुधियाना निवासी मेला सिंह इन्सां की ओर से लगाए पौधे आज 12 -15 फुट की ऊंचाई तक पहुंच चुके हैं।
  • अपने पौधों संबंधी बताते हुए मेला सिंह इन्सां के चेहरे में से प्रकृति प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का अहसास झलकता है।
  • उन्होंने बताया कि जबसे पूज्य गुरू जी ने पौधे लगाने के पवित्र वचन फरमाए हैं,
  • उन्होंने इन पवित्र वचनों को अपनी जिंदगी में धारण करते हुए हर साल 5-7 पौधे लगाकर उन को पालने का जिम्मा उठा लिया है।
  • उन्होंने बताया कि पौधे लगाने से जिंदगी का कोई अनजाने में अधूरा पड़ा बड़ा मकसद पूरा हो गया महसूस हो रहा है।
  • वह अपनी गली में फोकल प्वार्इंट में और पार्कों में 35 -40 नीम, डकैण, अशोका वगैरा के पौधे लगाकर उनकी संभाल कर रहे हैं।

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