आर्किटैक्ट से लेकर आम दुकानदार तक कर रहे अंजान लोगों के लिए रक्तदान
(Blood Donation)
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/राजेश कुमार)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए चंडीगढ़ के ट्रयू एमएसजी ब्लॅड पंप के नाम से मशहूर स्थानीय डेरा अनुयायी लगातार जरूरतमंद मरीजों के लिए विभिन्न अस्पतालों में रक्तदान कर उनके जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन सेवा कार्यां में आर्किटैक्ट से लेकर वकील, दुकानदार, डॉक्टर, बिजनसमैन, प्राइवेट जॉब व आम सत्संगी भी अपना योगदान दे रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार अशोक गर्ग इन्सां, जो कि पेशे से आर्किटैक्ट हैं, ने पानीपत निवासी एक ब्लॅड कैंसर से पीड़ित 36 वर्षीय महिला के लिए पीजीआई चंडीगढ़ में प्लेटलैट्स दान किए। वहीं पटियाला से आए एक मरीज को पीजीआई में आप्रेशन के दौरान जरूरत पड़ने पर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने चार यूनिट रक्तदान मुहैया करवाया।
हादसे में गंभीर रूप से घायल के लिए किया तीन यूनिट रक्तदान (Blood Donation)
वहीं करनाल में एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुए व्यक्ति को चंडीगढ़ लाए उसके तीमारदारों को इलाज के लिए रक्त की जरूरत पड़ी, तो उन्होंने स्थानीय डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने संपर्क किया। इस दौरान विशाल अटवाल, सौरभ इन्सां एवं अश्विनी कुमार ने उक्त मरीज के लिए डेरा बस्सी के एक निजी अस्पताल में रक्तदान किया। मरीज के परिवार वालों ने बताया कि रक्त की आवश्यकता पूरी करने के लिए वे अपने गृह नगर करनाल तक घूम आए, लेकिन उन्हें रक्त नहीं मिला, फिर किसी ने उन्हें डेरा सच्चा सौदा के प्रेमियों के बारे में बताया।
- चंडीगढ़ के स्थानीय सेवादारों से संपर्क किया और उनकी रक्त की आवश्यकता पूरी हो गई।
- इस नि:स्वार्थ सेवा के लिए मरीज के परिवारजनों ने सेवादारों का तहदिल से धन्यवाद किया ।
- पूज्य गुरू जी को प्रणाम भी किया।
- स्थानीय प्रेमी रॉकी इन्सां ने मोहाली के एक निजी अस्पताल में जरूरतमंद मरीज के लिए एक यूनिट रक्तदान किया।
जन्मदिन पर रक्तदान कर बचाई मरीज की जान
स्थानीय निवासी रवि चौड़ा इन्सां ने अपने जन्म दिवस 17 फरवरी को पीजीआई में एक जरूरतमंद मरीज के लिए रक्तदान कर उसकी जान बचाने में मदद की। इस दौरान रवि ने बताया कि अपने जन्म दिन पर इस तरह की सेवा करना अपने आप में बहुत सुकूनदायक है। उन्होंने कहा कि वे शुक्रगुजार है अपने पूज्य गुरू जी के, जिन्होंने इस तरह की शिक्षा दी और आज वे जरूरतमंद लोगों के काम आ रहे हैं।
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