एक हजार किलोमीटर से लेने आए परिजनों ने पूज्य गुरुजी व सेवादारों का किया धन्यवाद
- परिजन बोले, परिवार के सदस्य से मिलवाकर सेवादारों ने किया बहुत बड़ा उपकार
संगरिया (सच कहूँ न्यूज)। मानवता की सेवा ही सच्चे अर्थों में ईश्वर की सेवा है। जो व्यक्ति अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित कर दे, वही सच्चा सेवक है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की इन्हीं पावन प्रेरणाओं का अनुसरण करते हुए मानवता भलाई के कार्यों में तत्पर गुमशुदा तथा मंदबुद्धि व्यक्तियों की देखभाल की सेवा के लिए विख्यात ब्लॉक संगरिया के सेवादारों ने 9 साल से दर-बदर की ठोकरें खा रहे एक मंदबुद्धि भाई की सार-संभाल के बाद उसके परिजनों का पता लगाकर उनके सुपुर्द किया। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के जिम्मेवार लाल चंद इन्सां ने बताया कि विगत 28 अगस्त को संगरिया के नामचर्चा घर के पास हनुमानगढ़ रोड पर मानसिक रूप से परेशानी की हालत में एक युवक अपनी ही धुन में कुछ बोलता हुआ चला जा रहा था।
सेवादार इन्द्रजीत सोनी इन्सां की नजर पड़ी तो सेवादारों के सहयोग से उसे नामचर्चा घर में लाया गया और उसके खाने-पीने का प्रबंध किया। संगरिया पुलिस थाने में सूचना देने के बाद उसकी कटिंग व शेव भी करवाई गई। मानसिक रूप से परेशानी की हालत में मिले युवक की हालत में कुछ सुधार आने के बाद में अपना नाम प्रेम व निवासी डोगरा कला जिला ललितपुर उतर प्रदेश बताया। इसके आधार पर सेवादारों ने सोशल मीडिया के सहारे आगे से आगे संपर्क कर परिजनों का पता लगाया। इस प्रकार मानसिक रूप से बीमार प्रेम के बेटे सोनू से बात हो गई। सोनू ने बताया कि उसके पापा लगभग 9 साल पूर्व बिना बताए घर से कहीं चले गए। बहुत जगह तलाश की लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला।
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4 साल तक तलाश करने के बाद उनकी उम्मीदें जवाब देने लगी थी। कोई आस बाकी नहीं थी लेकिन ऐसे में जब उन्हें पता चला कि उनके पिता सुरक्षित हैं तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। जब फोन पर वीडियो कॉलिंग करवाई गई तो प्रेम के परिजनों ने 9 साल बाद अपने खोए हुए परिवार के सदस्य को देखा तो उनकी आंखों में खुशी के मारे अश्रु धारा बहने लगी और वह मालिक का लाख-लाख बार शुक्रगुजार कर रहे थे। प्रेम के परिवार में उसके पिता गजाई, पत्नी कमला, बेटा सोनू है। इस प्रकार अपने खोए हुए पिता को लेने के लिए उसके पुत्र सोनू और भाई महेश बुधवार को 1000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद संगरिया पहुंचे। वह क्षण बहुत ही भावुक था जब डोगरा कला से आए परिजनों ने 9 साल पूर्व बिछड़े अपने भाई और पापा को पाया।
उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे और उन्होंने संगरिया की साध-संगत की इस उदारता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि ऐसी संवेदनशीलता और प्यार पहली बार सिर्फ आप में ही देखा है। पूज्य गुरू जी को और साध-संगत को सिर झुका कर सजदा करते हैं। वहीं अपने भाई प्रेम को लेने आए महेश ने कहा कि उसका भाई पिछले 9 सालों से घर से गायब था, जिसे उन्होंने ढूंढने की बहुत कोशिश की और उनका खर्चा भी उसे ढूंढने पर बहुत आया। अब तो वह उनकी पहुंच से दूर हो चुका था, क्योंकि अब वह उनके घर से तकरीबन 1000 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच चुका था। डेरा श्रद्धालुओं ने उन पर बहुत बड़ा परोपकार किया है, जो उसके भाई की संभाल की और हमसे संपर्क किया। उसने कहा कि आज के समय में इस तरह के कार्य बहुत कम देखने को मिलते हैं। उसने कहा कि धन्य हैं, आपके पूज्य गुरुजी जो आपको ऐसी महान शिक्षाएं दे रहे हैं।
प्रेम के भाई ने कहा कि आपका धन्यवाद करने के साथ आपके पूज्य गुरूजी को सिर झुका कर सजदा करते हैं। इस प्रकार पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई इंसानियत मुहिम के अंतर्गत संगरिया की साध-संगत ने 9 साल से दर बदर की ठोकरें खाते हुए भोले इंसान को उसके परिवार से मिलवा कर इस पुनीत कार्य के यज्ञ में अपनी आहुति डाली। इस कार्य में ब्लॉक भंगीदास कृष्ण सोनी इन्सां, लालचंद इन्सां, भंगीदास जसविंद्र इन्सां, 15 मेंबर गुरचरण खोसा, रणवीर इन्सां, भोला सिंह इन्सां, निंदी सोनी इन्सां, इंद्रजीत सोनी इन्सां, विनोद हांडा इन्सां, सुरेन्द्र जग्गा इन्सां, जगजीत सिंह इन्सां, अमराराम इन्सां, सोनू जग्गा इन्सां, बनारसी दास इन्सां, हरचंद इन्सां व अमरनाथ पेंटर का विशेष सहयोग रहा।
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