डेरा श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे की मानवता भलाई के कार्य बदस्तूर जारी
- मंदबुद्धि युवक को पिंगलवाड़े में करवाया दाखिल
संगरूर। (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह/नरेश कुमार) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए ब्लाक संगरूर (Sangrur) के डेरा श्रद्धालु लगातार मानवता भलाई के कार्यों में जुटे हुए हैं व इन्ही कार्यों की कड़ी के तहत लगातार मंदबुद्धियों की संभाल कर की जा रही है, जिसके तहत शनिवार को एक और युवक जो मानसिक तौर पर परेशान नजर आ रहा था, सेवादारों द्वारा संभाल करने उपरांत उसे पिंगलवाड़ा आश्रम में भेजा गया, लेकिन अभी तक इस मंदबुद्धि युवक के परिजनों का कुछ पता नहीं चल सका है। इसके लिए डेरा श्रद्धालु परिजनों की तलाश में लगातार कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी देते रिटा. इंस्पैक्टर जगराज सिंह इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए ब्लाक संगरूर की पूरी टीम मंदबुद्धियों की संभाल के लिए पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों हमें सूचना मिली कि संगरूर शहर के आसपास एक मंदबुद्धि युवक घूम रहा है व उसकी हालत काफी खराब है। उन्होंने बताया कि जब टीम उक्त युवक के पास पहुंची तो उसकी हालत बहुत ही दयनीय बनी हुई थी। सेवादारों के पूछने पर उक्त युवक ने सिर्फ अपना नाम बिट्टू ही बताया और इसके अलावा कोई अन्य जानकारी देने में वह असमर्थ था। सेवादारों ने बताया कि उक्त युवक के हाथ पर हिन्दी भाषा में ‘अजय’ लिखा हुआ है।
उन्होंने बताया कि टीम ने इस युवक की संभाल करने उपरांत इसकी सूचना पुलिस को दी व उसका सिविल अस्पताल संगरूर में मेडिकल करवाया। सेवादारों ने बताया कि उक्त युवक को नहलाकर नए कपड़े पहनाए व उसे खाना खिलाया और उसके बाद उसके घर के बारे में पता करने की कोशिश की गई लेकिन वह अपने घर का पता नहीं बता सका। जगराज सिंह इन्सां ने बताया कि टीम उक्त युवक के परिजनों के बारे में पता लगा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त युवक को संगरूर के पिंगलवाड़ा आश्रम में दाखिल करवाया गया है। इस मानवता भलाई के कार्य में नाहर इन्सां, विवेक शंटी इन्सां, दिक्षांत इन्सां, रवी इन्सां, मुखत्यार इन्सां ने सहयोग दिया।
पिंगलवाड़ा संस्था भी इन मंदबुद्धियों को संभालने में कर रही प्रशंसनीय काम: डेरा श्रद्धालु
संगरूर में डेरा श्रद्धालुओं द्वारा मंदबुद्धियों की संभाल के लिए एक टीम बनाई गई है। दूर-दूर तक भी अगर कोई मंदबुद्धि मिल जाता है तो लोग अपने आप ही डेरा श्रद्धालुओं से संपर्क कर लेते हैं। इस संबंधी जानकारी देते जगराज सिंह इन्सां ने बताया कि इस साल में वह 20 से अधिक मंदबुद्धियों को पिंगलवाड़े आश्रम में छोड़ चुके हैं व कईयों को उनके परिवारों से भी मिलवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम अक्सर ही पिंगलवाड़ा आश्रम में चले जाते हैं, जहां यह मंदबुद्धि रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उनको देखते ही मंदबुद्धि सहज हो जाते हैं व उनके साथ बातें करने लगते हैं। (Sangrur) डेरा श्रद्धालु भी अब उनकी भाषा समझने लगे हैं व उनको अहसास हो जाता है कि वह क्या मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिंगलवाड़ा संस्था भी इन मंदबुद्धियों को संभालने में प्रशंसनीय काम कर रही है।
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