ब्लॉक लुधियाना के सेवादारों ने किया 2765 यूनिट रक्तदान
लुधियाना। (सच कहूँ/रघबीर सिंह) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा श्रद्धालु मानवता भलाई के 147 कार्य कार्यों की कड़ी में रक्तदान के क्षेत्र में भी सबसे आगे रहते हैं। ‘ट्रयू ब्लड पंप’ के नाम मशहूर डेरा सच्चा सौदा के ब्लॉक लुधियाना (पंजाब) के डेरा श्रद्धालु लगातार रक्तदान कर दूसरे शहरों और राज्यों से उपचार करवाने आने वाले मरीजों की कीमती जिन्दगियां बचा रहे हैं। जानकारी के अनुसार ब्लॉक लुधियाना की साध-संगत ने वर्ष-2022 में विभिन्न अस्पतालों में दाखिल जरूरतमंद मरीजों को दिन-रात, गर्मी-सर्दी की परवाह न करते हुए 2765 यूनिट रक्तदान कर सैकड़ों जिंदगियां बचाई हैं।
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रक्तदान समिति के कुलदीप इन्सां, जगजीत इन्सां और रंजीत इन्सां ने बताया कि लुधियाना में उत्तर भारत के प्रसिद्ध अस्पताल मौजूद हैं। इसके चलते इन अस्पतालों में लोकल मरीजों के साथ-साथ बाहर के दूसरे शहरों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। ऐसे जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए एक संदेश पर ही डेरा सच्चा सौदा के सेवादार अपनी जेब खर्ची से रक्तदान करने पहुंच जाते हैं।
रक्तदान समिति के सदस्य रंजीत भंडारी इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरू जी पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए वे 43 बार रक्तदान और 108 बार रक्त के एसडीपी सैल दान कर चुके हैं और 58 साल की आयु में वे भी वे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।
रक्तदान समिति के सदस्य जगजीत सिंह इन्सां थरीके ने बताया कि वह 31 बार रक्तदान और 60 बार खून के सैल दान कर चुके हैं। जब भी किसी जरूरतमंद के लिए रक्तदान का संदेश मिलता है तो वे अपने खर्चे पर वहां पहुंच रक्तदान करते हैं।
पारस इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु जी पावन प्रेरणा से हमने रक्तदान को अपनी जिन्दगी का अहम हिस्सा बना लिया है। हम नहीं चाहते कि किसी की भी जान खून के बिना चली जाए। वह अब तक 7 बार रक्तदान और 70 बार रक्त के सैल दान कर चुके हैं। वहीं अश्वनी इन्सां ने बताया कि वे 34 बार रक्तदान और 66 बार रक्त के सैल दान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने उनमें ये जज्बा भरा।
सोशल मीडिया से पहुंचता है रक्तदान करने का संदेश
रक्तदान समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने ‘एमएसजी ट्रयू ब्लड पंप’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है, जिसमें रक्तदान करने वाले रक्तदानियों के नाम शामिल किए गए हैं। जब भी किसी के पास रक्त की जरूरत संबंधी कोई संदेश आता है तो उस व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दिया जाता है। रक्तदानियों में किसी न किसी के द्वारा रक्तदान करने के लिए पहुंचने से पहले उनके द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में अपने जाने संबंधी जानकारी दे दी जाती है। इस तरह डेरा श्रद्धालुओं ने रक्तदान जारी है।
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