पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षा बनी वरदान

Chandigarh
Naamcharcha in Bihar: बिहार में मची राम-नाम की धूम

साध-संगत ने गुमशुदा मंदबुद्धि व्यक्ति को परिवार से मिलवाया

  • लगभग एक वर्ष से घर से लापता था परमिंद्र
  • परमिंद्र के परिजन बोले- धन्य हैं पूज्य गुरु जी और डेरा सच्चा सौदा के सेवादार

संगरूर। (सच कहूँ/नरेश कुमार) डेरा सच्चा सौदा, सरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से ब्लॉक धर्मगढ़ और संगरूर (Sangrur) के सेवादारों की टीम ने एक मंदबुद्धि व्यक्ति जो कि मेरठ (यूपी) से करीब 8 महीनों से गुम था, को उसके परिवार से मिलवाया।

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इस बारे में सच कहूँ प्रतिनिधि को जानकारी देते हुए डेरा सच्चा सौदा के सेवादार रिटा. इंस्पेक्टर स. जगराज सिंह ने बताया कि चार-पांच दिन पहले सेवादारों की टीम को जखेपल की साध-संगत द्वारा सूचना मिली कि एक मंदबुद्धि व्यक्ति जिसकी एक बाजू भी कटी हुई थी, लावारिस हालत में घूम रहा है। जिसकी देखभाल की जरूरत है। सूचना मिलने पर हमारी टीम के सेवादारों ने उक्त मंदबुद्धि व्यक्ति को संगरूर के नामचर्चा घर में लाकर उसकी देखभाल की और नहलाकर उसके कपडेÞ बदले गए और उसे खाना खिलाया गया। धीरे-धीरे उससे उसके घर संबंधी और परिवार बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की गई।

पूछताछ के बाद मंदबुद्धि व्यक्ति ने अपना नाम परमिंद्र बताया और उस व्यक्ति ने अपने गाँव का नाम गंगोल बताया। स. जगराज सिंह ने बताया कि सेवादारों ने गंगोल गाँव को गूगल पर सर्च किया तो पता लगा कि यह गांव यूपी के मेरठ जिले के अंर्तगत आता है। हमने डेरा सच्चा सौदा के ब्लॉक मेरठ (Meerut) के सेवादारों के साथ सम्पर्क किया तो परमिंद्र के भाई रविंद्र कुमार के साथ सम्पर्क हो गया। बातचीत करने पर उसने बताया कि उसका भाई पिछले करीब 1 वर्ष से घर से गुम है और मंदबुद्धि है। उन्होंने उसे काफी ढूंढा परंतु कहीं भी इस बारे में पता नहीं चला। अपने भाई की जानकर और सही सलामती के बारे में जानकार रविंद्र कुमार ने खुशी प्रकट की और अपने दामाद राजेश कुमार और जीजा विनोद कुमार के साथ यूपी से संगरूर नामचर्चा घर में अपने भाई को लेने के लिए 25 मार्च देर शाम पहुँचे।

नामचर्चा घर संगरूर में परमिंद्र सिंह को सही सलामत देख खुश हुए। खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के बारे में बहुत सुना था कि यह संस्था बहुत अच्छे कार्य करती है परंतु आज आंखों से देखकर बहुत ही खुशी महसूस हो रही है। हम इस संस्था के सेवादारों और पूज्य गुरु जी का तहेदिल से धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमारे भाई को ढूंढकर देखभाल करते हुए हमारे से मिलवाया है। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों की खूब तारीफ करते हुए कहा कि धन्य हैं यह सेवादार जो मानवता के लिए इन सेवा का जज्बा रखते हैं।

डेरा सच्चा सौदा के सेवादार जगराज सिंह ने बताया कि कागजी कार्रवाई के बाद मंदबुद्धि परमिंद्र को परिवार के हवाले कर दिया और इस उपरांत वह अपने घर मेरठ के लिए खुशी के साथ रवाना हो गया। इस मौके पर जसपाल इन्सां, नाहर सिंह काला, दिक्षांत इन्सां, सुखचैन इन्सां, बब्बू खुराना, सन्नी इन्सां और अन्य सेवादार उपस्थित थे।

डेरा सच्चा सौदा के 3 ब्लॉकों की साध-संगत ने किया सेवा कार्य

मेरठ से गुम मंदबुद्धि युवक परमिंद्र जखेपल और ब्लाक धर्मगढ़ की साध-संगत को मिला था। जिन्होंने देखभाल करते हुए संगरूर की साध-संगत को आगे परिवार के साथ मिलवाने के लिए सौंप दिया। संगरूर की साध-संगत ने मंदबुद्धि की नामचर्चा घर संगरूर में लाकर पूरी संभाल करते हुए मेरठ (यूपी) की साध-संगत के सहयोग के साथ परमिंद्र के गांव गंगाल की साध-संगत के साथ सम्पर्क करके परिवार तक पहुंच बनाई और परिवार के साथ मिलवाया। इस तरह डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत जखेपल, ब्लाक धर्मगढ़ (Dharamgarh) की साध-संगत और ब्लाक संगरूर की साध-संगत और यूपी के मेरठ ब्लॉक की साध-संगत ने मिलकर परमिन्द्र को उसके घर पहुंचाया।

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