1300 किलोमीटर दूर से युवक को लेने पहुंचे पारिवारिक सदस्य
- भाई के मिलने की उम्मीद खत्म हो चुकी थी, डेरा श्रद्धालुओं ने किया बड़ा परोपकार : भाई
संगरूर(सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई के कार्य समाज के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गए हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते सुनाम ब्लॉक की साध-संगत ने सड़क पर बदहाल मिले एक मन्दबुद्धि युवक राज कुमार का उपचार करवाकर उसकी संभाल की और शनिवार को उसके पारिवारिक सदस्यों को सौंप दिया। इस संबंधी जानकारी देते 15 मैंबर जिम्मेदार जसपाल इन्सां ने बताया कि वह कई दिनों पहले किसी काम के लिए बस स्टैंड रोड संगरूर जा रहे थे तो अचानक उनकी नजर एक मन्दबुद्धि व्यक्ति पर पड़ी, जो मदनजीत की कोठी के नजदीक जा रहा था, उसकी उम्र तकरीबन 17 -18 साल के करीब है। उन्होंने उस व्यक्ति को रोका और पूछताछ करने पर उसने अपने घर का पता, गाँव डाला-पीपर, जिला सोनभादरा (यूपी) बताया, जो कि संगरूर से 1300 किलोमीटर दूर था।
जसपाल इन्सां ने बताया कि उक्त लड़के ने बताया कि वह पिछले चार सालों से अपने परिवार से बिछुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उस समय उसकी हालत बहुत बुरी थी। इसके बाद उन्होंने 15 मैंबर हरविन्दर बब्बी इन्सां और अन्य डेरा श्रद्धालुओं की मदद से उक्त युवक को नामचर्चा घर संगरूर में लाकर उसकी संभाल की और साफ-सुथरे कपड़े पहनाए। उन्होंने बताया कि उस लड़के की सरकारी अस्पताल संगरूर में मैडीकल जांच करवाकर और थाना सिटी संगरूर में इसके गुमशुदा की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई, तदोपरांत उन्होंने एक पुलिस कर्मचारी को साथ लेकर उसे पिंगलवाड़ा संगरूर में पिंगलवाड़े के प्रधान और अन्य जिम्मेवारों को सौंप कर आए।
जसपाल इन्सां ने बताया कि उसके बाद इस लड़के के परिवार से तालमेल किया गया और उसके परिवार के बहुत ज्यादा दूर होने के कारण वह आज दस दिनों बाद उस युवक को उसका भाई और उसका मास्टर लेने संगरूर पहुंचे हैं। इस मौके पर जुगराज सिंह रिटायर्ड इंस्पेक्टर पंजाब पुलिस, समाज सेवी डॉ. सुखविन्दर बबला, हरविन्दर बब्बी 15 मैंबर संगरूर, प्रकाश चंद जोशी आरए बिजली बोर्ड, निरंजन इन्सां भंगीदास बग्गूआना, अजीतपाल जीतु छाबड़ा सहित अन्य जिम्मेवार मौजूद थे।
पूज्य गुरू जी को सिर झुका कर सजदा करते हैं : भरत
युवक राज कुमार को लेने के लिए संगरूर के पिंगलवाड़ा में पहुंचे उसके भाई भरत और मास्टर गिरजा शंकर ने कहा कि वह पिछले चार सालों से घर से गायब है, जिसे उन्होंने ढूँढने की बहुत कोशिश की और उनका खर्चा भी उसे ढूँढने पर बहुत आ चुका है। उन्होंने कहा कि अब तो वह उनकी पहुँच से दूर हो चुका था, क्योंकि अब वह उनके घर से तकरीबन 13,00 किलोमीटर की दूरी पर पहुँच चुका था। राज कुमार के भाई भरत ने कहा कि डेरा श्रद्धालुओं ने उन पर बहुत बड़ा परोपकार किया है, जो उसके भाई की संभाल की और हमसे संपर्क किया। उसने कहा कि आज के समय में इस तरह के कार्य बहुत कम देखने को मिलते हैं। उसने कहा कि धन्य हैं, आपके पूज्य गुरू जी जो आपको ऐसी महान शिक्षाएं दे रहे हैं। राज कुमार के भाई ने कहा कि वह आपका धन्यवाद करने के साथ आपके पूज्य गुरू जी को सिर झुका कर सजदा करते हैं।
दस साल पहले पढ़ाते अध्यापक का नंबर आया काम
जानकारी देते जिम्मेवारों ने बताया कि उक्त युवक को अपने घर वालों का कोई संपर्क याद नहीं आ रहा था परन्तु दस साल पहले जिस सरकारी अध्यापक ने उसे पढ़ाया था, उसका मोबाईल नंबर उसे याद था। अध्यापक के मोबाईल नंबर को ट्रेस कर उसके असली ठिकाने पर पहुंच की गई और इस तरह परिवार की खोज हो सकी।
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