सरसा। बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस पर आयोजित किए जा रहे पावन भंडारा का अलौकिक नजारा आज सरसा में देखने को मिला है। जब आप राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर पर स्थित हरियाणा के सरसा शहर के शाह सतनाम जी मार्ग पर आते हैं और वहां से डेरा सच्चा सौदा की ओर नजर दौंड़ाते हैं। शाम का समय है व सूरज अभी कुछ देर पहले ही अस्त हुआ है। सांझ की लाली छाई है और शाह सतनाम जी मार्ग में लगी लाइटें जल चुकी हैं, जिनमें ऐसा लग रहा है जैसे आसमान में सितारों की चादर बिछा दी गई हो। जहां तक नजर जाती है, वहां तक डेरा श्रद्धालुओं में उत्साह दिखाई देता है। शाह सतनाम जी धाम सरसा में लाखों श्रद्धालुओं की अपार जन-समूह पंडाल में उपस्थित है। विशाल जनसमूह को देखते हुए यहां पर ट्रैफिक सेवादार, पानी की व्यवस्था, लंगर की व्यवस्था व इत्यादि का प्रबंध किया गया है।
छाया: सुशील कुमार
आपको बता दें कि पूज्य साईं बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के 131वें पावन अवतार दिवस के पावन मौके पर डेरा सच्चा सौदा की समूची साध-संगत में जबरदस्त उत्साह है और डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत पूज्य गुरू संत डा गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन रहनुमाई में शाह सतनाम जी धाम, सरसा, मार्शल पिच, कंकर खेड़ा, मेरठ, यूपी, विद्या सागर स्टेडियम, जयपुर और शाह सतनाम जी कृपा सागर धाम बीकानेर के अलावा कई स्थानों पर पावन भंडारा मना रही है।
डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के 131वें पावन अवतार दिवस का भंडारा धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर सच्चे दाता रहबर पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन दर्श-दीदार करने के लिए शाह सतनाम जी धाम सरसा में लाखों की संख्या में साध-संगत पहुँची। इससे पूर्व जैसे ही 8 नवंबर मंगलवार के शुभ दिवस का आगमन हुआ तो पूज्य गुरू जी ने साध-संगत को सार्इं बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस की बधाई देते हुए फरमाया कि आज वो दिन है, जिस दिन दाता, रहबर, सार्इं जी ने अवतार लिया और जिन्होंने सच्चे सौदे की स्थापना की। पूज्य गुरू जी ने साध-संगत से आह्वान किया कि सभी उनके दिखाए गए मार्ग व वचनों पर चलें।
पावन भंडारे को लेकर साध-संगत में भारी उत्साह देखने को मिला औैर भंडारे में शामिल होने के लिए शाह सतनाम जी धाम सरसा में सोमवार देर रात्रि से साध-संगत पहुंचना शुरू हो चुकी थी और यह सिलसिला मंगलवार रात्रि समाचार लिखे जाने तक निरंतर जारी था।
इससे पूर्व पावन भंडारे की पूर्व संध्या पर सोमवार रात्रि को शाह मस्ताना जी धाम व शाह सतनाम जी धाम में एक अनुपम नजारा देखने को मिला। जिसमें आस-पास की कॉलोनियों की साध-संगत ने दोनों आश्रमों को देसी घी के दियों से रोशन किया। जिससे वातावरण में अद्भुत खुशबू का अहसास हो रहा था। साथ ही मिट्टी के दीपों व रंगोली से ‘एमएसजी’ लिखकर सुंदर आकृति बनाई गई, जो सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इसके अलावा महिलाओं ने अलग-अलग वेशभूषा के परिधान पहनकर जागो निकाली और ढोल की थाप पर जमकर धमाल मचाया। साथ ही शाह सतनाम जी धाम को आने वाले सभी रास्तों को बड़े-बड़े स्वागती तौरणद्वारों से सजाया गया। बता दें कि 29 अपै्रल 1948 को बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी। पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने विक्रमी सम्वत् 1948 (सन् 1891) में कार्तिक मास की पूर्णिमा को गांव कोटड़ा, तहसील गंधेय, रियासत कलायत, बिलोचिस्तान (जो अब पाकिस्तान में है) में पूजनीय पिता श्री पिल्लामल जी और पूजनीय माता तुलसां बाई जी के घर अवतार धारण किया था। इस दिन को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत हर साल मानवता भलाई के कार्य कर मनाती है। इस बार भी इस दिन डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने 143 मानवता भलाई के कार्य कर देश-दुनिया में पावन अवतार दिवस मनाया।
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