बठिंडा।
जिंदा रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरूरत खाना है। दुनिया पर बहु -संख्या लोगों को पेट भरने के लिए दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता परंतु कुछ लोग अपने खाने का थोड़ा हिस्सा ही खाते हैं और बाकी का व्यर्थ ही नष्ट कर देते हैं लेकिन डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु खाने को नष्ट नहीं करते बल्कि जरूरतमन्द लोगों को देकर उन की भूख को शांत करते हैं। उपरोक्त शब्द मलोट रोड पर नाम चर्चा घर में विश्व फूड दिवस मौके करवाए एक समारोह दौरान ब्लॉक बठिंडा के एडवोकेट गुरप्रीत सिंह इन्सां ने कहे। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की पवित्र शिक्षाओं पर चलते हुए बड़ी संख्या डेरा श्रद्धालु सप्ताह में एक दिन भूखे रह कर उस दिन का खाना गरीब व जरूरतमन्दों को देकर इंसानियत का फर्ज निभाते हैं।
डेरा सच्चा सौदा की ओर से किए जा रहे 133 मानवता भलाई के कामों के अंतर्गत आज विश्व फूड दिवस के मौके पर भी ब्लॉक बठिंडा की साध-संगत की ओर से 16 अति जरूरतमन्द परिवारों को राशन बांटा गया है। उन्होंने बताया कि साध-संगत समय -समय पर जरूरतमन्दों की मदद करती रहती है। इस मौके बहन चरनजीत कौर इन्सां, देव राज इन्सां, मनोज इन्सां, चरनजीत इन्सां, राजू इन्सां, बलजीत इन्सां, गगन इन्सां, अश्वनी इन्सां, बहनों में सुरिन्दर इन्सां, शीला इन्सां, निशा इन्सां व रेखा इन्सां के अलावा विभिन्न समितियों के जिम्मेवार व सेवादार उपस्थित थे।
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