डेरा सच्चा सौदा सेवादार ने जरूरतमंदों की सेवा कर मनाया जन्मदिन
कोटा (सच कहूँ न्यूज)। बाबूजी हम भी बहुत गरीब हैं, हमें भी खाने-पीने का सामान दे दो। घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं और उसके पापा बीमार हैं, घर में कुछ भी नहीं यह कहना था कमला बाई का। इन्हीं के समान काली बाई, दुर्गा भी आशा भरी नजरों से अपनी बारी का इन्तजार कर रही थी। उन्हीं के समान पांव से लाचार एक बुजुर्ग बोल उठे बाबूजी में भी बहुत गरीब हूं और झौंपडी में रहकर जैसे-तैसे जीवन की गाडी को धकेल रहा हूं, मैरी भी मदद कर दो। ऐसी ही आशाएं संजोएं हुए 100 से ज्यादा परिवार के लोग एकत्रित हो गये जिनकी आर्थिक स्थिति और परेशानी उनके चेहरों से स्पष्ट झलकती नजर आ रही थी। इतना सब आंखों के सामने होता देखकर भी अपने जन्म दिवस के अवसर पर आमतौर पर परिजनों और रिश्तेदारों में दिखावा करने के लिए लोग धनराशि का दुरूपयोग कर विभिन्न तरीकों से खर्च करते हैं।
वहीें डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनामजी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार राजेन्द्र सिंह हाड़ा इन्सां ने जरूरतमंदों की मदद की सोच रखते हुए अपना जन्म दिन हंसराज इन्सां, कृष्ण मुरारी इन्सां के सहयोग से झौपडियों में निवास कर रहे 100 जरूरतमंद परिवारों के साथ मनाकर यादगार में बदल दिया। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाये जा रहे मानवता भलाई के 142 सेवा कार्यों का अनुसरण करते हुए अपने जन्म दिन पर मेडिकल कॉलेज के सामने रंगबाडी चौराहे के पास बनी अस्थाई झौंपडियों में निवास कर रहे आर्थिक दृष्टि से कमजोर 100 जरूरतमंद परिवारों के पास जाकर खाद्यान्न सामग्री के किट वितरित किये। झौंपडियों में जाकर जब खाद्यान्न सामग्री सौंपी तो हर कोई आशा भरी नजरों से सामग्री पाकर ‘धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा’ नारा लगाते हुए कहते हैं धन्य हैं पूज्य गुरूजी जिनकी पावन शिक्षा पर चलते हुए सेवादार हम जरूरतमंदों की परवाह करते हुए हमारी मदद के लिए आते हैं।
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राजेन्द्र सिंह हाड़ा के अनुसार सितम्बर माह में वर्तमान पूज्य गुरूजी गद्दीनशीन हुए थे इस खुशी में इस महिने को महापरोपकार माह के रूप में मनाया जाता है। पूरे माह सेवादार विभिन्न प्रकार से जरूरतमंदों की सेवा कर मनाते हैं। इस मौके पर सेवादार हंसराज इन्सां, माता प्रताप बाई इन्सां, बहिन कुसुम इन्सां, कृष्ण मुरारी इन्सां, जोरावर सिंह इन्सां, प्रभुदयाल इन्सां, राजेन्द्र सिंह हाड़ा, नाथू लाल इन्सां, जगमोहन इन्सां, अशोक इन्सां, कालूराम इन्सां, अनूप इन्सां, कमल इन्सां, धीरज इन्सां, प्रेम इन्सां का सहयोग रहा।
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