केसरीसिंहपुर (सच कहूँ न्यूज)। केसरीसिंहपुर के राजेंद्र इन्सां ने एक बार फिर 7 वर्षों से लापता मानसिक के साथ शारीरिक रूप से दिव्यांग हो चुके 25 वर्षीय छोटेश्वर उरांव को परिजनों से मिलवा दिया है। यह 105वां दिव्यांग है, जो उनके सराहनीय प्रयास से परिजनों तक पहुंचा है। उसे लेने के लिए आए बड़े भाई कामेश्वर व रामेश्वर उरांव को देखते ही छोटेश्वर फफक कर रो पड़ा। भाइयों को पहचानते ही यूं लगा जैसे सारा जहान उसे मिल गया हो। रामेश्वर बताते है उनका परिवार झारखण्ड के लातेहार जिले के गांव कैमा में रहता है। 7 साल पहले 8 वी तक पढ़े छोटेश्वर दिल्ली में काम के लिए दाना मिल में काम करने गए थे। एक दो साल बात हुई। उसके बाद वह कहां चला गया कोई पता नही चला।
27 अगस्त को गांव के मुखिया अमरेश पुराव आए और मोबाइल में फोटो दिखाया, तो पहचान हुई। राजस्थान में भाई राजेन्द्र इन्सां से वीडियो कॉल पर बात करवाई। उस समय आंखों से समंदर बाहर निकलने लगा। गला रुंध गया। काफी देर बाद कुछ सँभलने पर पता लेकर लेने के लिए रवाना हो गए। वे बताते है। वे आदिवासी समाज से है। माता पिता की मौत हो चुकी है। पांच भाई है। छोटेश्वर को परिवार से मिलाने वाले राजेन्द्र बताते है। उन्हें करनपुर से साथी अमरजीत व बलविंदर शर्मा का फोन आया कि इस प्रकार का एक व्यक्ति है जो काफी पीड़ा व दर्द में है। उसे लाने गए तो वह गाड़ी में चढ़ने को तैयार नही हुआ। वह कहने लगा मेरी किडनी मत निकालो। मैं तुम्हे करोड़ रुपये दे दूंगा। ऐसा लगता है दिल्ली में किडनी निकालने जैसा कोई कृत्य उसके साथ हुआ है।
प्यार से आश्रम लाकर भोजन करवाया नहलाया व दवाई दिलाई गई। वह चलने फिरने में असमर्थ है। पूछताछ में इसने झारखंड व लातेहार का नाम लिया। बस इसी आधार पर लातेहर के एसपी से फोन पर बात हुई। उन्होंने कंट्रोल रूम से बात करवाते हुए थाना के इंस्पेकर अमित गुप्ता के सहयोग से परिजनों तक पहुंचे। इस दौरान सतगुरु मालिक की कृपा खूब बरसी। इसके भाइयो से बात हुई। खुशी है कि एक बिछड़ी रूह को परिवार से मिलाया। छोटेश्वर को पुलिस की मौजूदगी में परिवार के साथ रवाना किया गया। वही थाना में एसआई सहित स्टाफ ने परिजनों को एक हजार रुपयों की सहायता भी प्रदान की व राजेन्द्र इन्सां के कार्यो को सराहा गया।
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