सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल, बरनाला। स्थानीय एक डेरा श्रद्धालु ने 39 साल की उम्र में 52वीं बार रक्तदान (Blood Donation) कर इन्सानियत के सच्चे पहरेदार होने का पुख्ता सुबूत पेश किया है। रक्तदान करने उपरांत मोहित इन्सां उर्फ मोंटी इन्सां ने कहा कि उसने कभी खूनदान करने के बारे में सोचा तक भी नहीं था परन्तु डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की तरफ से जब साध-संगत को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया तो उसका भी दिल किया कि वह भी रक्तदान करे। इसके बाद वह दिन गया, यह दिन आ गया।
समय-समय पर वह खूनदान करने कोई भी मौका अपने हाथों जाने नहीं देता। मोटी इन्सां ने कहा कि उसकी आयु आज 39 साल है और वह 52वीं बार रक्तदान कर चुका है। मोंटी इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरू जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए रक्तदान करने से जहां उसे अथाह सुकून मिलता है। वहीं खून की कमी के चलते जाने वाली किसी की कीमती जान को बचाने में भी सहायक होता है जो आज के समय में सबसे बड़ा पुण्य है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि उन्होंने कितनी बार खूनदान (Blood Donation) करना है, हां ये जरुर सोचा है कि किसी की भी जान यदि उसके खून से बच सकती है तो वह हर समय तैयार है। इसके लिए उनको किसी खास मौके की जरुरत नहीं। उन्होंने इस समय रक्तदान करने की महान प्रेरणाएं देने पर पूज्य गुरू जी की भी विशेष तौर पर धन्यवाद किया।
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