शुरू हुआ ‘डेंगू मुक्त राजस्थान‘ अभियान

Dengue in Delhi

घर-घर दस्तक दे रही स्वास्थ्य विभाग की टीम, आमजन भी सावधानी बरतें

श्रीगंगानगर। डेंगू और मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए ‘डेंगू मुक्त राजस्थान‘ अभियान बुधवार से शुरू हुआ, जो आगामी तीन नवंबर तक चलेगा। इस दौरान विभागीय टीमों ने घर-घर दस्तक देनी शुरू कर दी है और एंटीलार्वल गतिविधि की जा रही हैं। वहीं अन्य विभागों के साथ समन्वय कर फोगिंग एवं अन्य गतिविधियां शुरू की गई हैं। बुधवार को इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने जिलास्तर पर बैठक कर समीक्षा करते हुए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे अभियान में सहयोग करें ताकि इस महामारी से श्रीगंगानगर को बचाया रखा जा सके।

सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा ने बताया कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव को लेकर अभियान के तहत सघनता से विभिन्न गतिविधियां बुधवार से प्रारंभ कर दी गई हैं। हालांकि विभागीय टीमें पिछले दो माह से अधिक समय से लगातार आवश्यक गतिविधियां गंभीरता से कर रही हैं, फिर भी पुन: नए सिरे से गतिविधियों पर जोर दिया जा रहा है ताकि डेंगू जैसी बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। जिलास्तर पर 24 घंटे संचालित कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही रेपिड रेस्पोंस टीमों का गठन किया गया है। मौसमी बीमारियों को रोकथाम के लिए जागरूकता करने और सीएचसी सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इंडोर मरीजों का उपचार करने प्रारंभ किए गए हैं। जिले में चिकित्सा कर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई ताकि किसी भी केंद्र पर अव्यवस्था न हो। वहीं समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लगातार मोनिटरिंग व निरीक्षण करते हुए आवश्यक गतिविधियां करवाएं। वहीं यदि विभागीय कार्मिकों की ओर से कोई लापरवाही मिलती है तो आमजन विभागीय कंट्रोल रूम नंबर 0154-2445071 और टोल फ्री नंबर 104 या 181 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

आमजन से अपील

विभाग ने अपील की है कि घर में नियमित रूप से सफाई अभियान चलाएं। आस-पास पानी एकत्रित न होने दें। कूलर व फ्रीज के पीछे लगी ट्रे को नियमित रूप से साफ करें। घर के आगे बनी होदी, घर में रखे गमले, बेंम्बू, परिेंडें, पानी की टंकी आदि के पानी को हर सप्ताह बदलें। छत पर रखे खाली मटके, कबाड़ या टायर आदि में पानी न ठहरने दें। आमजन इन दिनों पूरी बाजू के कपड़े पहनें। बुखार आदि होने पर झोलाछाप लोगों के पास न जाएं बल्कि नजदीकी चिकित्सालय में संपर्क करें। नीम की पत्तियों का धुंंआ घर में फैलाएं, पानी के बर्तन को खुला न रखें, किचन एवं बाथरूम को सूखा रखें, कूलर का पानी हर एक-दो दिन में बदलें। शरीर पर मच्छर को दूर रखने वाली क्रीम लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस-पास मच्छर मारने वाली दवा का छिडक़ाव करवाएं।

डेंगू के शुरुआती लक्षणों में रोगी को ठंड लग सकती है, भूख कम लगती है, सिरदर्द, कमरदर्द, चमड़ी के नीचे लाल धब्बे होना और आंखों में तेज दर्द हो सकता है। इसके साथ ही उसे लगातार बुखार रहता है। जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। जरूरी है कि इन लक्षणों को पहचानकर व्यक्ति बिना देरी के चिकित्सक से मिले और इसका उपचार करवाए। इस दौरान अधिक से अधिक पानी व पेय पदार्थ लेना चाहिए और आराम करना जरूरी है। बुखार होने पर केवल पेरासिटामोल लें और तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। झोलाछाप व सीधे मेडिकल स्टोर से दवा लेने से बचें।

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