- लम्पी स्किन डिजीज को महामारी घोषित कर नियंत्रण के प्रभावी कदम उठाने की मांग
- जिला मुख्यालय पर नजर आया राजस्थान बंद का असर
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। लम्पी स्किन डिजीज के प्रति सरकारी उदासीनता के खिलाफ गुरुवार को राजस्थान बंद का असर जिला मुख्यालय पर भी नजर आया। जंक्शन-टाउन शहर में दोपहर को अधिकतर बाजार बंद रहे। विश्व हिन्दू परिषद, गोरक्षक दल के सदस्य युवाओं ने टोलियों के रूप में जंक्शन व टाउन बाजार में घूमकर बाजार बंद करने की अपील की। इस दौरान अधिकतर दुकानदारों ने भी सहयोग करते हुए शटर डाउन कर लिए। हालांकि बंद के लिए घोषित रूप से कोई संस्था, संगठन या राजनीतिक पार्टी आगे नहीं आई। राजस्थान बंद की अपील सोशल मीडिया की थी। इसके चलते गुरुवार सुबह अधिकतर बाजार खुल गए। लेकिन दोपहर को उक्त संगठनों के सदस्यों के बाजार में उतर आग्रह करने पर बाजार बंद हो गए। टाउन में बाजार बंद करवाने के दौरान पूर्व पार्षद देवेन्द्र पारीक ने कहा कि राजस्थान प्रदेश सहित पूरे भारत में गोमाता पर लम्पी स्किन डिजीज के रूप में संकट आया है। यह महामारी हजारों-लाखों की तादाद में गोवंश को काल का ग्रास बना रही है। इस बीमारी पर नियंत्रण में प्रदेश सरकार की गौर नाकामी रही है। उसके विरोधस्वरूप गुरुवार को राजस्थान बंद के आह्वान पर हनुमानगढ़ जिले में भी बाजार बंद रखा गया है।
व्यापारियों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर बाजार बंद में समर्थन दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह जल्द से जल्द इस तरफ ध्यान दे और इस महामारी से गोमाता की रक्षा करे। भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के प्रवीण सुखीजा ने कहा कि लम्पी स्किन डिजीज से प्रदेश में लाखों की संख्या में गोवंश की मौत हो चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इस महामारी पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। इसके चलते गोभक्तों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। इस बीमारी के चलते घरों के घर खाली हो गए। ग्रामीण क्षेत्र की कई गोशालाओं में 25 प्रतिशत ही गोवंश बचा है। एक-एक गांव में हजारों की तादाद में गोवंश इस बीमारी से ग्रसित होकर मर चुका है। उन्होंने कहा कि गोसेवक अपने स्तर पर गोवंश को इस बीमारी से बचाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके प्रयास नाकाफी हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकार कोई कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सोई हुई प्रदेश सरकार को जगाने के लिए राजस्थान बंद का आह्वान किया गया था। इसलिए सरकार से मांग है कि गोमाता को इस बीमारी से बचाने के लिए जो उपाय संभव हैं वह सरकार जल्द करे। साथ ही लम्पी स्किन डिजीज को महामारी घोषित किया जाए।
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वहीं जंक्शन शहर में बाजार बंद करवाने के दौरान विश्व हिन्दू परिषद विधि आयाम के जिला संयोजक एडवोकेट मधुसूदन शर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार लम्पी स्किन डिजीज से हो रही मौतों के आंकड़े छुपा रही है। जो वस्तुस्थिति है उसका 10 प्रतिशत आंकड़ा भी राजस्थान सरकार नहीं बता रही। जिला प्रशासन भी सरकार के पदचिन्हों पर चल रहा है। अगर सही आंकड़े सरकार तक पहुंचाए जाते तो आज दवाइयों व वैक्सीन की कमी नहीं रहती। गोमाता इस तरह तड़फने के लिए मजबूर नहीं होती। उन्होंने बताया कि 19 सितम्बर को विश्व हिन्दू परिषद की ओर से गोरक्षा के लिए राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को सौंपा जाएगा। अन्य गोभक्तों का कहना था कि लम्पी की वजह से रोजाना एक गांव में करीब 25 गायों की मौत हो रही है। लेकिन सरकार सोई हुई है। सर्वे व उपचार के नाम पर लीपापोती की जा रही है। उन्होंने मांग की कि इस बीमारी को महामारी घोषित कर वैक्सीन की व्यवस्था हो। लम्पी से मरने वाले गोवंश का सही आंकड़ा सार्वजनिक किया जाए।
जताया विरोध
उधर, बाजार बंद करवा रहे युवाओं की टोली में शामिल कुछ लोगों पर दुकानदारों ने जबरन दुकानें बंद करवाने के प्रयास का आरोप लगाया। जंक्शन के कुछ दुकानदारों ने आरोप लगाया कि बाजार बंद करवा रहे लोगों में शामिल कुछ असामाजिक तत्व लाठियां लेकर घूम रहे हैं। दुकानें बंद नहीं करने वाले दुकानदार को लाठी दिखाई जाती है। जंक्शन में शहीद भगतसिंह चौक के नजदीक स्थित एक दुकान के दुकानदार का आरोप था कि दुकान बंद करवाने आए कुछ जनों ने आते ही उसकी दुकान के बाहर रखे सामान पर लातें मारी और डंडा दिखाते हुए दुकान बंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर कोई आकर उनसे दुकान बंद करने के लिए आग्रह करे तो वे कतई मना नहीं करेंगे। लेकिन इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त से परे है।
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