कोटा। राजस्थान में बारां जिले के अकावद गांव के पास निर्माणाधीन परवन वृहद सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की मांग तेजी से की जा रही है। इसके लिए कई स्थानीय किसान संगठनों के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक ने भी पिछले दिनों प्रधानमंत्री को इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर की घोषित करने की मांग उठाई थी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद यह हाड़ौती संभाग की ही नहीं बल्कि राजस्थान की एक प्रमुख सिंचाई परियोजना में शामिल होगी।
उल्लेखनीय की करीब 7355 करोड़ रुपए की इस परियोजना का शिलान्यास कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया था और यह सिंचाई परियोजना परियोजना न केवल हाड़ौती संभाग के तीन बड़े जिलों बारां, झालावाड़ और कोटा के किसानों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली है बल्कि इससे कई उद्योगों को उनकी जरूरत के मुताबिक पानी मिलने के अलावा इन तीनों जिलों में भूमिगत जल स्तर के बढ़ने की एक बहुत बड़ी संभावना है।
हालांकि जब मूल रूप से इस परियोजना का खाका सरकारी स्तर पर तैयार किया गया था, तब केवल किसानों को सिंचाई के लिए और गांव को पेयजल उपलब्ध करवाने का ही इसमें प्रावधान किया गया था, लेकिन बाद के वर्षाें में बारां जिले के कवाई में एक बड़े औद्योगिक घराने के विद्युत परियोजना स्थापित करने के बाद उद्योगों को भी इस परियोजना से पानी उपलब्ध करवाने का प्रावधान वसुंधरा राजे सरकार के समय कर दिया गया, जिसका कई किसान संगठन अभी तक विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह परियोजना मूल रूप से किसानों के लिए ही बनी है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कोटा संभाग के कोटा जिले के अलावा सबसे अधिक लाभ बारां और झालावाड़ जिले को मिलने वाला है।
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