लापरवाही : सरकार के बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की खुली पोल
- पीड़ित महिला ने नर्सों पर लगाया बाहर निकालने का आरोप
- सैकड़ों लोगों ने किया अस्पताल में हंगामा, कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
सच कहूँ/लाजपतराय रादौर। शहर के सरकारी अस्पताल में बुधवार की सुबह अपना ईलाज करवाने पहुंची डेहा बस्ती छोटाबांस की एक गर्भवती दलित महिला को कथित रूप से अस्पताल के स्टाफ ने धक्के देकर अस्पताल से बाहर कर दिया। जिसके बाद गर्भवती महिला को दर्द हुआ और महिला ने अस्पताल के गेट पर खुले में एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही खुले में जन्में बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे की मौत होने के बाद डेहा बस्ती की सैकड़ों महिलाओं ने शहर के सरकारी अस्पताल में हंगामा किया। सूचना मिलने पर थाना रादौर प्रभारी इंस्पैक्टर रमेशचंद कादियान पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान मौके पर मौजूद गुस्साएं महिलाओं ने पुलिस से अस्पताल के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। जिसके बाद पुलिस ने नवजात बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल यमुनानगर भेजा।
- डॉक्टर बोले-प्री मैच्योर डिलीवरी के चलते हुए बच्चे की मौत
शहर के छोटाबांस की डेहा बस्ती में रहने वाली पंजाब कौर ने रादौर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बुधवार की सुबह वह अपने बेटे पवन कुमार की गर्भवती पत्नी सलजना का ईलाज करवाने सरकारी अस्पताल रादौर में गई थी। इस दौरान उसने अस्पताल की नर्सों को उसकी पुत्रवधु के पेट में दर्द होने की शिकायत की। लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने गर्भवती महिला का ईलाज करने की बजाय उन्हें धक्के देकर अस्पताल से चलता कर दिया। जिसके बाद वह अपनी पुत्रवधु को अस्पताल से लेकर चलने लगी तो अस्पताल के गेट पर उसकी पुत्रवधु को जोरदार दर्द हुआ। इसी दौरान आसपास की महिलाओं ने उसकी पुत्रवधु को चारों ओर कपडेÞ से ढक लिया। तभी पुत्रवधु ने खुले में बच्चे को जन्म दिया। जन्म के थोड़ी देर बाद ही नवजात बच्चे की मौत हो गई।
पीड़ित महिला ने बताया कि अस्पताल के स्टाफ के कारण उसकी पुत्रवधु के बच्चे की मौत हुई है। उसके लिए वह पुलिस से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करती है। उधर अस्पताल के एसएमओ डॉ. विजय परमार ने बताया कि जिस समय गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया तो उस समय आॅप्रेशन थियेटर में एक अन्य गर्भवती महिला का ईलाज चल रहा था। जिस कारण अस्पताल का स्टाफ व्यस्त था। अस्पताल के किसी भी स्टाफ सदस्य ने गर्भवती महिला को धक्का नहीं दिया। आरोप बेबुनियाद है। गर्भवती महिला को प्री.मच्यौर डिलिवरी हुई है। जिस कारण बच्चा पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था।
जिससे बच्चे की मौत हुई है। इस बारे थाना रादौर प्रभारी इंस्पैक्टर रमेशचंद कादियान ने बताया कि पुलिस ने नवजात बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
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