नई दिल्ली। स्कूल आॅफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में इस बार सेमेस्टर सिस्टम लाने की तैयारी है। इस बार चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होगा और करीब 1 लाख 40 हजार स्टूडेंट्स नया सिलेबस पढ़ेंगे। डीयू में अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम के स्टूडेंट्स का सिलेबस रिवाइज किया जा रहा है और इसके तहत एसओएल का भी सिलेबस बदलेगा। एसओएल के अधिकारियों ने बताया कि रेग्युलर स्टूडेंट्स, एसओएल स्टूडेंट्स और नॉन कॉलिजिएट विमंस एजुकेशन बोर्ड के स्टूडेंट्स एक सा सिलेबस पढ़ेंगे। इस बार एसओएल में आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन 1 जून को शुरू होगा। हालांकि, सेमेस्टर सिस्टम लागू होता है, तो एग्जाम करवाना बड़ा चैलेंज होगा क्योंकि स्टाफ बहुत कम है और बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हैं, जिनकी कॉपियां रेग्युलर कॉलेजों के टीचर्स ही चेक करते हैं मगर एसओएल अधिकारियों का कहना है कि इसकी तैयारी की जा रही है।
एसओएल के कैंपस आॅफ ओपन लर्निंग (सीओएल) के डायरेक्टर प्रोफेसर एस.के.दूबे बताते हैं, ऐडमिशन की प्रक्रिया सही समय से शुरू होगी क्योंकि स्कूल को पिछले साल यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से पांच साल के लिए कोर्स चलाने की इजाजत मिली है। पांच कोर्स- बीए, बीकॉम, बीकॉम आॅनर्स, बीए आॅनर्स अंग्रेजी और बीए आॅनर्स पॉलिटिकल साइंस में अब सीबीसीएस लागू होगा और फर्स्ट ईयर के सभी स्टूडेंट्स सेमेस्टर सिस्टम में नया सिलेबस पढ़ेंगे। अभी ऐकडेमिक काउंसिल से इसे मंजूरी मिलनी है, हमारी तैयारी पूरी है। हालांकि, सेमेस्टर सिस्टम आने से एसओएल के लिए एग्जामिनेशन बड़ा चैलेंज होंगे। एसओएल के कोर्स अभी ऐनुअल एग्जाम मोड पर चलते हैं और बहुत कम स्टाफ की वजह से इसे सही वक्त पर करवाना मुश्किल काम रहता है।
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