Delhi High Court : नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली हाईकोर्ट आज यानि सोमवार को रामदेव के इस दावे का विरोध करने वाले कई डॉक्टर संघों की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा कि ‘कोरोनिल’ कोविड-19 का ‘इलाज’ है। यह याचिका इन संघों द्वारा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ 2021 में दायर मुकदमे का हिस्सा है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 21 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। Ramdev
मुकदमे के अनुसार, रामदेव ने ‘कोरोनिल’ के कोविड-19 का इलाज होने के संबंध में ‘निराधार दावे’ किए, जो कि दवा को केवल ‘इम्यूनो-बूस्टर’ होने के लिए दिए गए लाइसेंस के विपरीत है। डॉक्टरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने प्रतिवादियों, रामदेव और अन्य को आगे इसी तरह के बयान देने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
उत्पाद की बिक्री को बढ़ाने के लिए गलत रणनीति बनाई गई
ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ-साथ चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, पंजाब के रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनियन (यूआरडीपी), लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, मेरठ के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और हैदराबाद के तेलंगाना जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 2021 में रामदेव और अन्य के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। Ramdev
उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव द्वारा बेचे जाने वाले उत्पाद की बिक्री को बढ़ाने के लिए एक गलत सूचना अभियान और मार्केटिंग रणनीति बनाई गई थी, जिसमें ‘कोरोनिल’ भी शामिल है, जिसके बारे में दावा किया गया था कि यह कोविड-19 का वैकल्पिक उपचार है। 27 अक्टूबर, 2021 को हाईकोर्ट ने रामदेव और अन्य को मुकदमे पर समन जारी करते हुए कहा था कि यह तुच्छ नहीं है और उनके संस्थान के लिए मामला ‘निश्चित रूप से’ बनता है। Ramdev
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