कई एक्शन प्लान पर पुलिस रही फेल
गुरुग्राम (सच कहूँ-संजय कुमार मेहरा)।
दिल्ली से गुरुग्राम होते हुए जयपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 खूनी हाइवे बन गया है। खूनी हाइवे किसी और कारण से नहीं बल्कि खुद हमारी ही कमी और गल्तियों के कारण बना है। यातायात के नियमों की अनदेखी करके लोग काल का यहां ग्रास बने हैं। गत पांच महीने में यहां पर 215 लोगों की जान गई है। देश की राजधानी दिल्ली से हरियाणा राज्य से होकर राजस्थान की राजधानी पहुंचने वाले एनएच-48 पर सफर को सुगम बनाने के लिए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय खूब प्रयास कर रहा है।
न केवल लोगों को जागरुक किया जा रहा है, बल्कि बिना किसी बाधा के चलने के लिए इस रूट पर अनेक फ्लाईओवर भी बना दिए गए हैं। यानी विकास की गति को तो यहां रफ्तार मिली है, लेकिन वाहनों की अधिक गति और यातायात के नियमों की अवहेलना हादसों के रूप में इंसानों को ही झेलनी पड़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच माह में यहां पर हादसों में 215 लोगों की जान गई है। यहां पर 550 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
गुरुग्राम यातायात पुलिस कई एक्शन प्लान पर अमल कर रही है। इस एक्शन प्लान में हीरो होंडा चौक, फाजिलपुर चौक, साउथ सिटी मोड़, ज्वाला कंपनी मोड़, हनुमान मंदिर के पास कट, हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन चौक पर कुछ प्रयोग किए गए हैं। नेशनल हाइवे पर कुछ प्रयोग किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इफ्को चौक पर एमजी रोड से यू-टर्न, राजीव चौक पर सोहना रोड की ओर यू-टर्न, हीरो होंडा चौक पर सुभाष चौक की ओर डायवर्जन जैसे प्रयोग किए गए, लेकिन वे भी असफल रहे।
11 साल में पांच हजार लोग हुए हादसों के शिकार
जिले में वर्ष 2006 से नवंबर 2017 तक करीब पांच हजार लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हुए। आठ हजार से अधिक लोग घायल हो गए। अब गुरुग्राम पुलिस ने सभी थाना प्रभारियों के लिए फैटल एक्सीडेंट में 25 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य तय किया है।
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