दिल्ली कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर, शिविंदर सिंह की 4 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की

Delhi court approves 4-day police remand of former Ranbaxy promoter Malvinder Shivinder Singh

रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी में 2397 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला

  • दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मलविंदर-शिविंदर और 3 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था
  • शिविंदर-मलविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट के पूर्व प्रमोटर, उन पर रकम के हेर-फेर के आरोप

नई दिल्ली। रेलिगेयर फिनवेस्ट मामले में साकेत कोर्ट ने रैनबैक्सी और फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर, शिविंदर सिंह और 3 अन्य आरोपियों की 4 दिन की रिमांड मंजूर की। पुलिस ने 6 दिन की रिमांड मांगी थी। रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी में 2397 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में शिविंदर-मलविंदर और अन्य आरोपियों को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया।

ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को ही मलविंदर को गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस के लुकआउट नोटिस पर मलविंदर को बीती रात लुधियाना पुलिस ने हिरासत में लिया था। ईओडब्ल्यू की टीम उन्हें दिल्ली लेकर आई। दूसरे भाई शिविंदर सिंह को गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई। शिविंदर-मलविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट के भी पूर्व प्रमोटर हैं। उन पर रकम के हेर-फेर के आरोप हैं। ईओडब्ल्यू ने शिविंदर-मलविंदर के अलावा कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार किया था। ये तीनों रेलिगेयर फिनवेस्ट के प्रबंधन में शामिल थे।

मलविंदर ने एफआईआर रद्द करने की अपील की

मलविंदर ने एफआईआर रद्द करवाने के लिए शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना है कि यह मामला दिल्ली पुलिस के न्याय क्षेत्र में नहीं आता। मलविंदर की याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

  • साल 2016 में दोनों भाइयों ने फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह बनाई थी।
  • उस वक्त दोनों की संपत्ति 8,864 करोड़ रुपए थी।
  • पिछले साल शिविंदर और मलविंदर सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने फोर्टिस के बोर्ड के अप्रूवल के बिना 500 करोड़ रुपए निकाल लिए।
  • फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिविंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे।
  • फंड डायवर्ट करने के आरोपों के बाद दोनों को बोर्ड से निकाल दिया गया।
  • शिविंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी।

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