मार्कशीट की जांच के निर्णय से उड़ी कर्मचारियों की नींद

Board of Education

विपक्षियों ने आरटीआई, सीएम विंडो में शिकायत आदि लगाई हुई

नूंह (सच कहूँ न्यूज)। सीबीआई द्वारा एक फर्जी शिक्षा बोर्ड का भंडाफोड़ करने के (Board of Education)  बाद हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की मार्कशीट की जांच के निर्णय के बाद पिछड़े जिला नूंह (मेवात) में कई सरकारी मुलाजिमों की नींद उड़ गई है। ऐसे लोग कथित तौर से फर्जीवाड़ा करके शिक्षण प्रमाण पत्र तैयार कराकर महकमों में नौकरी कर रहे हैं जबकि कई ऐसे मुलाजिमों पर उनके विपक्षियों ने आरटीआई, सीएम विंडो में शिकायत आदि लगाई हुई है।

  • बता दें कि, मेवात क्षेत्र में शिक्षा का स्तर काफी नीचे है।
  • खासकर कुछ वर्ष पहले तो मेवात की साक्षरता दर काफी कम थी,
  • जिसके चलते कई लोग बाहर से फर्जी मार्कशीट बनवाकर नौकरी कर रहे हैं।

मार्कशीट की जांच करना सरकार का एक अच्छा कदम  (Board of Education)

समाजसेवी असरफ वकील, राजू माथुर, नूरदीन नूर, राम दास, सुरेन्द्र सिंह नम्बरदार, साहिद खान, हासिम, विशाल, अनिल कुमार, गुलशन, श्रवण, महेन्द्र, इमरान आदि ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों की मार्कशीट की जांच करना सरकार का एक अच्छा कदम हैं।उन्होंने बताया कि जो लोग मेहनत करके पढ़ाई पूरी की है,वह बेरोजगार होकर मजदूरी की जिंदगी जी रहे हैं

  • जबकि कई लोगों ने स्कूल की शक्ल तक नहीं देखी,
  • लेकिन आज वह सरकारी सेवा में मौज मार रहे हैं।
  • उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया हैं।

वहीं, दूसरी ओर गत पंचायती चुनाव में हरियाणा सरकार ने पंच, सरपंच, जिला पार्षदों व ब्लॉक समिति मैम्बरों के चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की शर्त लगाने के बाद कई चुनाव लड़ने के इच्छुक महिला व पुरूषों ने फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनवा लिये थे, जिसके बाद विपक्षी द्वारा मुकदमेंबाजी करने पर पंचायत प्रतिनिधियों पर मुकदमें दर्ज है, लेकिन आज तक कोई सख्त कार्रवाई न होने से वह पूरे 5 साल का समय काटने की तैयारी कर रहे हैं।

 

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