नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त जांच समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनवरी में पंजाब दौड़े के दौरान हुई सुरक्षा चूक के लिए फिरोजपुर के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरमनदीप सिंह हंस को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और समय रहते पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे का आरोप लगाया है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने गुरुवार को शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा कमेटी की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उसे आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेजने का आदेश दिया। समिति ने यह रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की थी। न्यायमूर्ति रमना ने पीठ की ओर से रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को पढ़ा, जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस पर्याप्त समय रहने के बावजूद अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने और समुचित सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे।
शीर्ष अदालत ने स्वयंसेवी संस्था ‘लॉयर्स वॉयस’ की याचिका की सुनवाई करते हुए 12 जनवरी को पूर्व न्यायाधीश मल्होत्रा के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया था। समिति ने इस साल जनवरी में पंजाब में प्रधानमंत्री के काफिले की सुरक्षा चूक की जांच की। समिति ने शीर्ष अदालत को बताया कि राज्य पुलिस की ओर से चूक हुई थी। समिति ने तत्कालीन फिरोजपुर एसएसपी हंस पर श्री मोदी के काफिले की सुरक्षा के संबंध में आवश्यक कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।
समिति ने भविष्य में इस प्रकार की चूक को रोकने के लिए सुझाव दिया है कि विशेष लोगों की सुरक्षा से संबंधित ‘ब्लू बुक’ के आवधिक संशोधन के लिए एक निगरानी समिति होनी चाहिए। निगरानी समिति देश के शीर्ष पदाधिकारियों की सुरक्षा से संबंधित हो। जांच समिति के अन्य सदस्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक या उनके नामित व्यक्ति शामिल थे, जो महानिरीक्षक (आईजी), केंद्र शासित चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब के एडीजीपी (सुरक्षा) आदि शामिल थे। मोदी 5 जनवरी को फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला के दौरे पर गए थे। इसी दौरान उनका काफिला लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसा रहा। संवैधानिक पद के व्यक्ति के मामले में यह ‘बहुत गंभीर सुरक्षा उल्लंघन’ की श्रेणी का माना जाता है।
पीएम सुरक्षा चूक मामला: फिरोजपुर के एसएसपी नहीं निभा पाए ड्यूटी
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षा काफिले में हुई चूक पर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई की। पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने पंजाब के नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। सीजेआई ने रिपोर्ट को पढ़ते हुए बताया कि फिरोजपुर के एसएसपी को दो घंटे पहले बताया गया था कि प्रधानमंत्री उस मार्ग में प्रवेश करेंगे, उसके बाद भी वह सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं कर पाए। इस कमेटी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उपायों का सुझाव भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह सरकार को रिपोर्ट भेजेगा ताकि कदम उठाए जा सकें। बता दें कि पीएम मोदी का काफिला 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर-मोगा रोड पर एक फ्लाईओवर पर फंस गया था। इसमें जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत की पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
इस कमेटी में चंडीगढ़ डीजीपी, एनआईए के आईजी, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, एडीजीपी पंजाब शामिल हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार द्वारा बनाई कमेटियों को अपनी-अपनी जांच रोकने का आदेश दिया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के आदेश दिए थे। इस कमेटी को सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन-किस हद तक जिम्मेदार हैं और आवश्यक सुरक्षा उपायों आदि मुद्दे पर विचार करना है। इसके अलावा समिति को संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव भी देने हैं।
‘‘केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए पीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया। अधिकारियों ने एसपीजी एक्ट का उल्लंघन किया है। पीएम के दौरे के दैरान डीजीपी गायब थे। आखिर किसके इशारे पर पीएम की सुरक्षा में चूक हुई? पीएम की सुरक्षा चूक पर कांग्रेस को जवाब देना होगा।’’
-अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय मंत्री
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