Business News: नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। मल्टी-स्पेशलिस्ट स्पोर्ट्स ब्रांड डिकैथलॉन ने अगले पांच साल में भारत में 10 करोड़ यूरो (करीब 930 करोड़ रुपये) के निवेश की बुधवार को घोषणा की। कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि इस निवेश का प्रयोग भारत में नेटवर्क को बढ़ाकर 190 स्टोर तक पहुंचाने, डिजिटल व्यापार को बेहतर करने और स्थानीय विनिर्माण को मजबूती देने में किया जाएगा। डिकैथलॉन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरकर सामने आया है, जहां बड़ा विकास देखने को मिला है। यह बड़ा निवेश भारत को लेकर ब्रांड की लॉन्ग टर्म विजन में रुचि दिखाता है। यह विजन केवल व्यावसायिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि खेलों में सहभागिता बढ़ाने और सतत विकास को बढ़ावा देने तक विस्तारित है।
कंपनी के ग्लोबल चीफ रिटेल एवं कंट्रीज आॅफिसर स्टीव डाइक्स ने कहा, ‘डिकैथलॉन की वैश्विक महत्वाकांक्षा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां के जीवंत बाजार और प्रतिभाशाली कार्यबल में अप्रत्याशित संभावनाएं हैं। हम यहां अपने विकास को गति देने, अपनी पहुंच बढ़ाने और खेलों के माध्यम से लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में डिकैथलॉन का वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग और इनोवेशन हब बनने की जबर्दस्त क्षमता है और हम स्थानीय प्रतिभाओं को पोषित करने और स्पोर्टिंग पावरहाउस बनने के भारत के सफर में योगदान देने के लिए उत्साहित हैं। डिकैथलॉन इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शंकर चटर्जी ने कहा, ‘बढ़ती खेल संस्कृति के साथ भारत एक गतिशील और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है। यह निवेश भारत की क्षमता में अटूट विश्वास और यहां के आर्थिक विकास में योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य हर किसी को खेलों का लाभ उठाने में सक्षम बनाना है। साथ ही इस निवेश से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने और खेलों का ज्यादा व्यापक अनुभव देने में सक्षम होंगे। हमारा उद्देश्य खेलों में सहभागिता को बढ़ावा देते हुए, भारत में रोजगार सृजित करते हुए और सतत प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हुए स्थायी प्रभाव डालना है।
डिकैथलॉन भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को उल्लेखनीय रूप से मजबूत कर रहा है। वर्तमान समय में सभी क्रिकेट बैट, एक्सेसरीज एवं ज्यादातर हॉकी उपकरण समेत इसकी ग्लोबल प्रोडक्ट रेंज का करीब 8 प्रतिशत भारत में तैयार होता है। भारत में बिकने वाले 68 प्रतिशत उत्पाद मेड इन इंडिया हैं। ब्रांड का लक्ष्य 2026 तक इस आंकड़े को बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक पहुंचाना है। इससे भारत की स्थिति डिकैथलॉन के प्रमुख मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में मजबूत होगी।