सैलून में हेयर ट्रांसप्लांट से मौत, दिल्ली हाईकोर्ट ने जतायी ‘दिशा-निर्देश’ की आवश्यकता

Ayushman Yojana
Ayushman Yojana: ‘आयुष्मान भारत योजना’ पर दिल्ली हाईकोर्ट की बड़ी अपडेट! दिल्ली सरकार नहीं कर रही लागू!

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने किसी विशेष चिकित्सक की देखरेख के बिना सैलूनों में गंजे लोगों के केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांट) में जानलेवा लापरवाही रोकने के लिए केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘दिशा-निर्देश’ तैयार करने की आवश्यकता जतायी है।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की एकलपीठ ने (Delhi High Court) दिल्ली के रोहिणी निवासी 35 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर अयोग्य व्यक्ति द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मृत्यु के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने हाल में अपने एक फैसले में सैलूनों में अवैध रूप से चल रहे हेयर ट्रांसप्लांट को रोकने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार से ठोस उपाय करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने चिकित्सा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए कुकुरमुत्तों की तरह फैले ऐसे सैलूनों के खिलाफ ठोस कार्यवाई करने को कहा है ताकि ऐसी घटना भविष्य में न हो। न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस प्रकार की घटना की पुनरावृति रोकने तथा संबंधित सैलून के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

एकल पीठ ने बिना किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बढ़ते चलन पर केंद्र और दिल्ली सरकार को रोक लगाने के लिए ठोस उपाय करने के संबंध में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने दिल्ली की एक सैलून में बिना किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख के हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद मृत्यु के एक मामले में चिंता व्यक्त व्यक्त करते हुए सरकार को निर्देश दिया है।

क्या है मामला

न्यायालय ने त्वचा रोग विशेषज्ञ तथा विशेषज्ञ सर्जन की देखरेख में ही हेयर ट्रांसप्लांट कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। रोहिणी के 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए एक सैलून को 30,000 रुपए दिये थे। आरोप है कि वहां इस काम में लापरवाही की गई। बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर या विशेष प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ट्रांसप्लांट किया गया, जिससे वह व्यक्ति बीमार पड़ गया। चेहरे पर सूजन तथा कंधों में दर्द आदि की समस्या के बाद उसे दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उच्च न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई में करेगा।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।