ये है इंसानियत! बेटी से बाप को मिलाने के लिए डेरा श्रद्धालुओं ने किया 6000 किमी का सफर तय!

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ये है इंसानियत! बेटी से बाप को मिलाने के लिए डेरा श्रद्धालुओं ने किया 6000 किमी का सफर तय!

कुदरत का कमाल : 30 साल बाद बेटी को मिला लापता बाप

संगरिया (सच कहूँ न्यूज/सुरेन्द्र जग्गा)। ब्लॉक संगरिया के डेरा श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनों को अमल में लाते हुए दर-बदर की ठोकरें खा रहे मानसिक रूप से परेशान 30 वर्षांे से लापता 55 वर्षीय बजुर्ग की 6 माह तक सार-संभाल करने के बाद उसके परिजनों का पता लगाकर लगभग 6000 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उसके घर तक पहुंचा कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार लालचंद इन्सां ने बताया कि 1 जनवरी को संगरिया में टिब्बी बस स्टैंड पर बैठे एक मानसिक रूप से परेशान बुजुर्ग पर सेवादार महेश गोयल इन्सां की नजर पड़ी। Sangaria News

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सेवादारों के सहयोग से उसे एमएसजी डेरा सच्चा सौदा एवं मानवता भलाई केन्द्र में लाया गया। उसके खाने-पीने का प्रबंध किया। संगरिया पुलिस थाना में उसकी सूचना दी। उक्त व्यक्ति अपने बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ था क्योंकि उसकी भाषा की समझ नहीं आ रही है। उसकी भाषा से वह तमिलनाडू साइड का निवासी लग रहा था। सेवादार भाई सोशल मीडिया, पुलिस प्रशासन और वहां की साध-संगत से संपर्क कर परिजनों की तलाश में जुट गए। सतगुरु की रहमत और सेवादारों की मेहनत से आखिरकार 6 माह बाद मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति के परिजनों का पता लगाने में सफलता मिली। जब परिजनों को वेंकडेश्वर के जिंदा और सही सलामत होने का समाचार मिला तो उनके आश्चर्य की कोई सीमा नहीं रही।

जब वेंगडेश्वर ने घर छोड़ा तो उसके एक विकलांग पत्नी और 6 साल की बेटी लक्ष्मी थी

परिजनों ने बताया कि तमिलनाडु के वीरूपूलम जंक्शन के गांव मुड़िया नूर जिला कल्लाकुडशी निवासी वेंगडेश्वर लगभग 30 साल पूर्व मानसिक रूप से परेशानी की हालत में घर छोड़ कर कहीं चला गया था। जब वेंगडेश्वर ने घर छोड़ा तो उसके एक विकलांग पत्नी और 6 साल की एक बेटी लक्ष्मी थी जो अब 36 साल की हो गई थी और उसके भी आगे बच्चे हो गए थे जब उसे पता चला कि उसके पिता सही सलामत हैं तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। संगरिया ब्लॉक के अथक सेवादार शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार लालचंद इन्सां और महेश गोयल इन्सां ने वेंगडेश्वर को उसके घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया और लगभग 6000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए वेंगडेश्वर को उसके परिजनों तक पहुंचाकर ही दम लिया। Sangaria News

अपने पिता को वापस पाने की आस छोड़ चुकी उसकी बेटी और पत्नी को जब 30 वर्ष बाद उसका पति मिला तो वह दृश्य बड़ा ही भावुक था। यह दृश्य देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। उसे परिवार के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे सेवादार भाइयों का परिवार और सभी ग्राम वासियों ने बार-बार आभार प्रकट किया और कहा कि धन्य है ऐसे गुरु और धन्य हैं यह सेवादार भाई जो उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए ऐस लोक भलाई के कार्य कर रहे हैं।

इस सेवा कार्य में ब्लाक शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स के जिम्मेवार लाल चंद इन्सां, महेश गोयल इन्सां, पवन इन्सां जंडवाला, विनोद हांडा इन्सां, सुरेन्द्र जग्गा इन्सां, अमराराम इन्सां, गोपाल इन्सां, रविंद्र खोसा इन्सां, 15 मैंबर कमेटी सेवादार प्रबल गोयल इन्सां, रॉकी गर्ग इन्सां, गुरचरण खोसा इन्सां, ब्लॉक प्रेमी सेवक ओम प्रकाश इन्सां का विशेष सहयोग रहा। Sangaria News

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