- कुश्ती कोच की भूमिका को नकारात्मक अंदाज में दिखाया गया
- सोंधी ने 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के समय पहलवान फोगाट बहनों को दी थी ट्रेंनिंग
फगवाड़ा (एजेंसी)। 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता महिला पहलवान बहनों गीता तथा बबीता फोगाट को ट्रेनिंग देने वाले कोच पीआर सोंधी ने आमिर खान की फिल्म दंगल में उनकी नकारात्मक छवि पेश करने को लेकर गहरी आपत्ति जताई है और कहा है कि आमिर को अपनी गलती का अहसास जरुर होगा। सोंधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि फिल्म में उनकी कुश्ती कोच की भूमिका को नकारात्मक अंदाज में दिखाया गया है और उन्हें विलेन की तरह पेश किया गया है जो सरासर गलत है। सोंधी ने कहा कि आमिर को अपनी गलती का अहसास होना चाहिए कि उन्होंने फिल्म को हिट बनाने के लिए एक कोच की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
दोनों बहनों को दी थी ट्रेनिंग
फगवाड़ा के रहने वाले सोंधी ने 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के समय महिला पहलवान फोगाट बहनों को ट्रेंनिंग दी थी। फिल्म में दिखाया गया है कि कोच ने गीता फोगाट के फाइनल मुकाबले से ठीक पहले उनके पिता महावीर फोगाट को एक कमरे में बंद करवा दिया था ताकि जीत के बाद उन्हें पूरा श्रेय मिल सके।
चरित्र सही तरीके से पेश नहीं किया गया
हालांकि कोच ने इसे गलत बताते हुए फिल्म में कोच के चरित्र को सही ढंग से न पेश किए जाने के लिए फिल्म निर्माताओं से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। वहां पांच अन्य कोच भी मौजूद थे और यदि ऐसा कुछ हुआ होता तो मीडिया में यह बात जरुर सामने आती। मैं इससे बेहद आहत हूं। सोंधी ने आमिर के साथ फोन पर हुई चर्चा के दौरान इस संदर्भ में अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने आमिर से कहा कि फिल्म अच्छी है और निश्चित रुप से खेलों खासकर कुश्ती को उत्तर भारत में प्रोत्साहन देगी। यह लड़कों एवं लड़कियों को समान रुप से आगे आने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि मैं इस बात से बेहद आहत हूं कि फिल्म में कोच की भूमिका को नकारात्मक दिखाया गया है। आपको या फिल्म निर्देशक नीतेश तिवारी को इस विषय में गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए।
आखिर कैसे हुई भूल
उन्होंने कहा कि आमिर एक शानदार अभिनेता, फिल्म निर्माता तथा व्यक्ति हैं। मुझे आश्चर्य है कि आमिर से ऐसी भूल कैसे हो गई। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मेरी आपत्ति पर गौर करेंगे और सुधार करेंगे। दंगल फिल्म हरियाणा के पहलवान महावीर फोगाट और उनकी दो बेटियों गीता एवं बबीता फोगाट के जीवन पर आधरित है। गीता ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण तथा बबीता ने रजत पदक जीता था।