सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कई बार आप लोग कहते हैं कि गुरु जी, पिता जी आप कैसे दिनचर्या शुरू करते हैं, कर्इं बच्चे कहते है कि उसकी वीडियो भी दिखाओ, अब टाइम ही नहीं मिलता वीडियो बनाके दिखाए, लेकिन हकीकत ये ही है सुबह उठते है और सबसे पहला काम होता है कि जिस बिस्तर से उठे है उसकी सलवट निकालना, जो चादर, खेस, दरी जो भी है उसकी सलवट निकाले, हम नकालते है और जो भी चादर ऊपर लेते है, कम्बल ऊपर लेते है या रिजाई जैसे सर्दी ज्यादा आती है, जैसा भी मौसम वैसा कपड़ा ऊपर लेते है सब लोग, हम भी लेते है तो सबसे पहले तय मारते है, सही तरीके से उसको रखते हैं, सलवटे निकालते है और हर चीज अपने हाथों से अपनी करते हैं। तो आपको भी इन चीजों को फॉलो करना चाहिए। आइयें सुनते है पूज्य गुरु जी के वचन….
सुबह तीन बजे परम पिता परमात्मा से लिव जोड़ते हैं
आपजी ने फरमाया कि बाकी दिनचर्या ये है कि सुबह हम जल्दी उठते हैं, लगभग तीन बजे, और उसके बाद परम पिता परमात्मा से लिव जोड़ते हैं, समाधि में बैठते हैं, राम-नाम का जाप होता है, चर्चा करते रहते हैं आपकी परेशानियों की, कि हे मेरे राम! हे मेरे शाह सतनाम! हे मेरे मस्तान! साध-संगत, पूरे वर्ल्ड के बच्चे, किसी को भी कोई परेशानी ना आए।
एक्सरसाइज और खेतीबाड़ी करते हैं
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि उसके बाद जब समय बाहर जाने का होता है, उस समय हम बाहर जाते हैं और वहां पर फिर घूमने का, एक्सरसाइज करने का जो भी टाइम मिलता है, या खेतीबाड़ी का, तो वो कार्य करते रहते हैं, क्योंकि हमें शौक है आप तो जानते हो। आश्रम में भी हम यही चीजें किया करते थे। बहुत पहले करते थे, बाद में तो ऐसा नहीं कर पाए। लेकिन आप जानते हो कि आपके साथ खेतों में, वो कसोला कहते थे, वो उठाके, कस्सिया कह लें, कस्सी कह लें, फावड़ा कह लें, तो वो उठाकर आप लोगों के साथ भी हम कितनी-कितनी देर काम करते रहते थे। पसीने से लथपथ हो जाते थे। बहुत से गेम खेला करते थे, आप लोग जानते हो। तो अब भी वही शौक है, वैसा ही कि अपने सतगुरु यार, ओउम, शाह सतनाम, शाह मस्तान से लिव जोड़े रखना। ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब के गीत गाते रहना।
जब भी समय मिलता है भजन लिखते हैं
आपजी ने फरमाया कि प्यारी साध-संगत जीओ, वहां हम लिखते रहते हैं, भजन लिखते रहते हैं, काफी भजन, लगभग छह-सात सौ के करीब लिख दिए होंगे। जैसे आपको दस चिट्ठियां भेजी। और उसी तरह वहां जब भी मौका मिलता है, लिखते रहते हैं। समय ही समय है, क्योंकि और तो काम वहां होता नहीं। खेतीबाड़ी कर ली, भागा दौड़ी कर ली, वो एक मतलब ये मान लीजिये एक जुनून सा बन जाता है कि राम का नाम लेना ही लेना है और घूमते हुए भी हम जब भागते हैं, एक जॉगिंग टाइप चलते हैं।
हम थे, हम हैं और हम ही रहेंग
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हम जब साँस के साथ, जैसे मान लो भाग रहे हैं तो भागते हुए जैसे थोड़ा साँस चलता है तो हमारी जुबां पे क्या नाम होता है? शाह सतनाम, शाह मस्तान, शाह सतनाम, शाह मस्तान, शाह सतनाम, शाह मस्तान तो इस तरह से हम आते-जाते साँस में अपने सतगुरु मौला को याद करते रहते हैं, उनका नाम लेते रहते हैं या फिर सुमिरन, जो सच्चे दाता, रहबर ने बताया है वो करते रहते हैं। तो बड़ा मजा आता है। ये जरूर दु:ख लगता है कि हम अपने छह करोड़ बच्चों से बहुत दूर हुए बैठे हैं।
लेकिन ये भी ध्यान में रहता है कि सतगुरु दाता हमेशा साथ थे, हैं और हमेशा साथ रहेंगे। हमारे बच्चों के भी साथ हैं, कभी भी उनसे दूर नहीं हुए, एक पल के लिए भी और ना अब दूर हैं। ना वो हमसे दूर हुए। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारे तो उन्होंने (पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने) खुद वचन किए थे, हम थे, हम हैं और हम ही रहेंगे, तो वो हम में हैं। तो इस तरह दिनचर्या चलती है।
फैट वाली चीजें बहुत कम खाते हैं
आपजी ने फरमाया कि फिर जब खाना आता है, वहां समय होता है खाना आने का, वो नियम है वहां। उस नियमानुसार जो खाना आता है, वो खाना ले लेते हैं। फिर दोपहर का खाना, जब भी सुबह आता है एक टाइम में, उसको दोपहर में भी रखा जाता है, उसको भी खा लेते हैं, लेकिन बहुत कम मात्रा में। वहां जो दाल या सब्जी, जो भी आती है, उसको हम ज्यादा मात्रा में ले लेते हैं और कंटीन है वहां, कंटीनों पर जाते हैं सारे लोग। तो उसमें अगर कभी खीरा मिल जाता है, कभी-कभार टमाटर आता है, ऐसा कुछ ना कुछ मिलता है तो वो ले लेते हैं, या कोई फ्रूट आ जाता है वो ले लेते हैं। तो कहने का मतलब फैट वाली चीजें हम बहुत कम लेते हैं। हाँ, दाल है, वहां आती है रूटीन में, सब्जी आती है जो भी, उसको ज्यादा मात्रा में लेते हैं।
पतला होना है तो अपनाएं ये टिप्स
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप भी अगर पतला होना चाहते हैं तो एक तो जॉगिंग कीजिये, एक होता है कि नॉर्मली घूमना, हम जो करते थे जॉगिंग प्लस दौड़ना। तो बेपरवाह जी के जन्मदिन वाले दिन आपको बताएं, हमने 25 किलोमीटर किया था। हमारे दिल में था कि आज 25 जनवरी है, सतगुरु, दाता, रहबर की।
तो सुबह हम चार बजे से, क्योंकि अंदर जगह थोड़ी होती है, लेकिन थोड़ी जगह में ही घूमते रहे, घूमते रहे, फिर जैसे ही बाहर का टाइम होता है तो फिर बाहर गए, फिर वहां घूमना शुरू किया, फिर भागना शुरू किया तो कुल मिलाकर हमने वो नाप रखी है जगह कदमों से, कि लगभग-लगभग चार राउंड या पाँच राउंड में एरिया है तो उसमें किलोमीटर हो जाता है, तो उसके हिसाब से हम आइडिया लगाते कि हाँ, अब 25 किलोमीटर हो गया, सुबह-शाम को मिलाकर। तो इस तरह 13, 15 किलोमीटर और अगर खेलने वाले बच्चे वो होते हैं जो वहां, वो तैयार हो जाते हैं तो उनके साथ गेम खेल लेते हैं। तो इस तरह से हमने अपना वजन अपने कंट्रोल में किया है।
मोटापा रोगों का घर
आपजी ने फरमाया कि हमें जो लगा कि अगर आप भी यही चीज अपनाना चाहते हैं, जो मोटापा है बहुत रोगों का घर है। तो आप जरूर ये ध्यान रखें कि जो फैट वाली चीजें हैं वो कम खाएं। एक्सरसाइज जरूर कीजिये, तेज चलें। पहले दस मिनट तो ऐसा होना चाहिए, पाँच मिनट आराम से चलिये, अगले पाँच मिनट तेज चलिये और फिर जॉगिंग या भागना शुरू कीजिये। एडी पहले टिके तो अच्छा है भागते टाइम और चलते टाइम तो जैसे आपकी चाल है, कोई कुछ कह नहीं सकता। तो इस तरह से आप लगातार आगे बढ़ते जाएं तो यकीन मानिये वजन कम होगा।
खाने से पहले सलाद को चबा-चबा खाएं
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारा मुँह जब चलता है ना खाने के लिए तो कुछ देर के लिए चलता है, उसके बाद थकावट आनी शुरू हो जाती है। तो हो सके तो खाने से पहले सलाद वगैरह जैसा भी आप को, आप तो कोई भी ले सकते हैं। हम तो जैसा कंटीन पर उपलब्ध होता है, वहीं चीजें लेते हैं। लेकिन आप तो कोई भी सलाद ले सकते हैं। तो उस सलाद को चबा-चबा के खाइये, तो उससे मोटापा नहीं आएगा। हरी सब्जियां लीजिये शाम को, दिन में दाल वगैरहा जो भी है, तो एक बैलेंस डाइट बनाएं।
डाइट, खाना छोड़कर वजन कम मत कीजिये, उससे आपको कमजोरी आएगी, वीकनैस आएगी। खाना खाइये, उसमें प्रोटीन हो, अगर पोसीबल हो आप वो चीजें लीजिये। दालों में प्रोटीन होता है, चने की दाल है, मूंग की दाल है, मसूर की दाल है, राजमा है और यहां तक कि सोयाबीन है, उसमें तो बहुत ही ज्यादा होता है। तो वो चीजें लीजिये आप और साथ में सलाद और जो भी फ्रूट उपलब्ध हो, आपके तो कोई भी हो सकता है, लेकिन हम तो जो भी उपलब्ध होता वो लेते थे, जितना ले पाते थे और फिर एक्सरसाइज।
खाना छोड़कर वजन न घटाएं
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि सबसे बढ़िया योगदान है इसमें (वजन कम करने में) एक्सरसाइज का। एक्सरसाइज के बिना नहीं। और खाना छोड़कर जो हमारे बेटे-बेटियां वजन कम करते हैं, वो गलत है। वो सही नहीं है, उससे शरीर में कमजोरी आ सकती है, आपके चेहरे की रौनक उड़ जाएगी। तो बहुत बच्चों ने, जो सेवादार आते रहे, क्योंकि यहां सेवा करते हैं, रूटीन चेंज होती है उनकी, थोड़े बच्चे जो भी देखते हैं तो वो यही कहते कि गुरु जी हद हो गई, हम देखकर दंग हैं कि इतना वजन कम कैसे हो गया? जो ये थोड़ी सी चीज आपको बताई, बाकी बातें फिर बताएंगे। सारी एकदम ना बताएं तो अच्छा है, टाइम ज्यादा हो चला है।
अपनी सेहत का रखें ख्याल
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अपनी सेहत का ख्याल रखें। सेहत अगर अच्छी है तो सारा संसार अच्छा लगता है। सेहत अच्छी है तो परिवार वाले बड़ा आदर, सत्कार करते हैं और सेहत गई तो फिर बाहर वालों का छोड़िये, परिवार वाले भी मुंह मोड़ लेते हैं कि इसका वजन (बोझ) उठाना पड़ेगा और इसको संभालना पड़ेगा। आजकल टाइम नहीं है लोगों के पास, इसलिए अपनी सेहत का ख्याल आप खुद रखें, किसी दूसरे पर डिपैंड ना रहें। तो भगवान से प्रार्थना करेंगे कि हमारे सारे बच्चे, सारे संसार में स्वस्थ रहें, सुखद अनुभव हासिल करें, खुशियां लें और आपके जीवन में बहारें छाएं, यही मालिक से दुआ है और आपको आशीर्वाद है।
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